उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोनावायरस की जांच कराने वालों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने प्राइवेट लैबों (निजी प्रयोगशालाओं) में कोरोना जांच के लिए ली जाने वाली फीस में एक तिहाई से ज्यादा की कमी कर दी है। उत्तर प्रदेश में अब मरीजों को जांच के लिए 1600 रुपए ही देने होंगे। सूबे में पहले कोरोना की जांच कराने वाले लोगों को 2500 रुपए खर्च करने पड़ते थे।

गुरुवार को यह जानकारी प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि प्राइवेट लैबों में अगर 1600 रुपए से अधिक वसूले जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें प्रदेश सरकार ने यह दूसरी बार कोरोना की टेस्टिंग फीस में कमी की है। इससे पहले कोरोना की जांच के लिए यूपी में 4500 रुपए खर्च करने पड़ते थे। जून महीने में योगी सरकार ने निजी लैब में कोरोना वायरस संक्रमण की सिंगल स्टेप जांच का अधिकतम शुल्क 2500 रुपये निर्धारित किया था। इससे अधिक शुल्क लेने पर लैब के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया गया था।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने गुरुवार को यूपी में कोरोना को लेकर अपडेट भी दिया है। अमित मोहन ने बताया कि गुरुवार को प्रदेश में 1,49,311 सैंपल्स की जांच की गई। अब तक कुल 70,66,208 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 7042 नए मामले सामने आए हैं जो कि अब तक के सबसे अधिक मामले हैं। अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि एक्टिव मामलों की कुल संख्या 66,317 है। जो लोग पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं उनकी संख्या 2,21,506 पहुंच गई है। रिकवरी का प्रतिशत 75.85 है।

वहीं, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया, वर्तमान में जो कोविड कंमाड सेंटर है उसे परिवर्तित करके प्रयागराज में कुंभ के समय निर्मित इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर का उपयोग करने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया गया है।