देश में कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैल रही है और भारत में पहली बार मार्च के बाद ट्रांसमिशन (हस्तांतरण, यानी एक व्यक्ति से दूसरे में वायरस फैलना) रेट बढ़ा है। भारत में कोरोना प्रजनन दर या R, जो पहले से संक्रमित व्यक्ति द्वारा संक्रमित लोगों की संख्या का अनुमान लगाता है, चार मार्च से लगातार 1.83 से गिरावट पर थी। हालांकि, जुलाई में दूसरे अनलॉकिंग चरण के पहले सप्ताह में, इसकी दर में पहली बार वृद्धि देखी गई है।
चेन्नई के इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेज (आईएमएससी) के शोध में ये जानकारी सामने आई है। बता दें कि स्वास्थ्य अधिकारियों का लक्ष्य है कि R को किसी भी तरह एक से कम रखा जाए। हालांकि R मौजूदा समय में 1.19 पर है। संस्थान के वैज्ञानिक डॉक्टर सीताभरा सिन्हा के मुताबिक इसका मतलब है कि एक व्यक्ति औसतन 1.19 लोगों को संक्रमित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर किसी भी प्रभाव को बढ़ने या कम होने के मामले में 10 दिनों से दो सप्ताह तक का समय लगता है। इसलिए मैं कहूंगा कि ये बढ़ोतरी जो हम देख रहे हैं, संभवत: जून के मध्य या थोड़े और समय बाद हुई घटनाओं के चलते हुई है। सिन्हा ने कहा, ‘लब्बोलुआब यह है कि अभी हम उस स्थिति में हैं जो हम मई और जून की शुरुआत में थे, और जून के अंत में हमने जो कमी देखी, वह निरंतर नहीं थी और ना ही सुधरी थी।’
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस मामले में महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई दी, जिसका R 13-16 जून के बीच 1.25 था और अब ये 1 करीब है। 21 जून से कुछ दिनों बाद में दिल्ली में R एक से थोड़ा ऊपर था। हरियाणा भी इसी तरह के संकेत दे रहा है। राज्य में सिर्फ दूसरी बार हेवी केस लोड अप्रैल से मध्य मई में दिखाई दिए।
मार्च के महीने में भारत में ट्रांसमिशन रेट औसतन 1.83 था जबकि वुहान में 2.14 और इटली में 2.73 था। इसके बाद भारत में 6 से 11 अप्रैल के बीच इसमें गिरावट आई और R 1.55 पर आ गया। इसके बाद भी गिरावट जारी रही और ये 1.49 और जून के शुरुआती महीने में ये 1.2 पर आ गया। इस वक्त लॉकडाउन में चरणबद्ध तरीके से छूट देना शुरू कर दिया गया था। हालांकि ट्रांसमिशन रेट में जून माह में भी गिरावट जारी रही और 26 जून तक ये 1.11 पर आ गया। मगर अनलॉक को एक महीना होने के बाद ट्रांसमिशन रेट में 2-5 जुलाई के बीच बढ़कर 1.19 पर आ गया।
भारत में ट्रांसमिशन रेट सबसे अधिक कर्नाटक (1.66) तेलंगाना (1.65) और आंध्र प्रदेश (1.32) में है। वहीं पूर्व में तेजी ट्रांसमिशन रेट दिखाने वाले राज्य गुजरत और पश्चिम बंगाल में ये 1.15 और 1.1 पर आ गया है। सिन्हा ने बताया कि असम औ राजस्थान जैसे राज्य वर्तमान में अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।