स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को देश में 600 नए हॉट स्पॉट बनने के प्रति आगाह किया है। मंत्रालय की तरफ से, जिन नए 600 इलाकों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा है, उनकी लिस्ट राज्यों को भेजी गई है। यह लिस्ट आरोग्य सेतु एप के डेवलपर्स ने विश्लेषण के आधार पर तैयार की है। बता दें कि इन 600 इलाकों में से किसी को भी अभी तक हॉटस्पॉट इलाके की मान्यता नहीं मिली हुई है। 6-9 किलोमीटर के ये इलाके बीते दो हफ्ते में 12,500 कोरोना मरीजों की लोकेशन हिस्ट्री का अध्ययन करने के बाद चिन्हित किए गए हैं।
मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने इस बात की जानकारी दी है। संभावित हॉटस्पॉट की यह लिस्ट एप के डैशबोर्ड से स्वास्थ्य मंत्रालय को बीती 5 मई को भेजी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि 13 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक एक टेस्ट विश्लेषण किया गया था, जिसमें 130 इलाकों के हॉटस्पॉट बनने की आशंका जाहिर की गई थी। गौरतलब है कि 3-17 दिनों के भीतर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इन इलाकों को सच में हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया।
मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन ने बताया कि “टीम ने विश्लेषण के आधार पर पता लगाया है कि कुछ जगह कोरोना संक्रमण के संभावित हॉटस्पॉट हो सकते हैं। जब टीम को इस बारे में पता चलता है तो इसकी सूचना स्वास्थ्य मंत्रालय को दी जाती है और अभी तक लगातार यही किया जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि एक कोरोना संक्रमण के संभावित हॉटस्पॉट की पहचान की जा रही है और कोशिश की जा रही है कि उसे हॉटस्पॉट बनने से रोका जाए। बता दें कि अभी तक करीब 9.57 करोड़ भारतीय आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड कर चुके हैं। सरकारी अधिकारियों के अलावा कुछ इंडस्ट्री स्वैच्छिक तौर पर इस ऑपरेशन में शामिल हैं। इन कंपनियों में मेक माइ ट्रिप, इंडीहुड और वनएमजी, आईआईटी मद्रास और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरू शामिल हैं।
आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने बताया कि आरोग्य सेतु एप का डैशबोर्ड का एक्सेस केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राज्य स्वास्थ्य विभाग, जिलाधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी और जिला सर्विलांस अधिकारी के पास है। आरोग्य सेतु एप टीम ने महाराष्ट्र में 300 से ज्यादा उभरते हुए कोरोना हॉटस्पॉट की भी पहचान की है।