कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पीएम मोदी ने 24 मार्च को देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया। ऐसे में जिंदगी का पहिया रुक सा गया है। गरीब, दिहाड़ी मजदूर और बेसहारा लोग खाने को मोहताज हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें एक महिला अपना दर्द बयां करती नजर आ रही है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाली महिला का कहना है कि भूखे मरने से अच्छा है कि बीमारी से मर जाएं।
वीडियो में दिल्ली की फतेहपुर बेरी की रहने वाली राजवती ने बताया कि, हम यहां की वोटर लिस्ट में भी है, हम कई सालों से यहां रह रहे हैं, हम बहुत परेशान हैं। मकान मालिक भी परेशान करता है किराए के लिए बिजली का बिल भी देना पड़ता है। खाने के लिए एक दाना नहीं है। कहां से खाएं?उन्होंने आगे कहा कि, पानी आता है तो पानी पीते हैं। आज पानी भी नहीं आया है। हम लोगों को हमारे गांव में जो लोग हैं उनको साधन दो। भूखे मरने से उसे बीमारी से मरना अच्छा है। हम भूखे क्यों मरें बीमारी से मरना अच्छा है।
#WATCH Rajwati, a daily wage labourer, at Delhi’s Fatehpur Beri: We are surviving without food & water here. We request the government to help us. It is better to die of this disease (#COVID19) rather than dying of hunger. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/qa19hI7wVC
— ANI (@ANI) March 26, 2020
बता दें कोरोना वायरस से भारत में अबतक 664 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं गुरुवार को इसके संक्रमण से एक ही दिन में चार मौत हो गई हैं। जिससे मरने वालों का आंकड़ा 16 पहुंच गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत लॉकडाउन से प्रभावित गरीब तबके के लोगों की मदद करेगी।