महाराष्ट्र में कोरोना के केस एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। इसी बीच केंद्र सरकार ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि कंटेनमेंट जोन में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा टेस्टिंग में भी लापरवाही बरती जा रही है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र सरकार को खत लिखकर कहा है कि ट्रैकिंग, टेस्टिंग और आइसोलेशन में लापरवाही बरती जा रही है।

इस पत्र में कहा गया है कि औरंगाबाद के मेडिकल कॉलेज, वसंत राव पवार मेडिकल कॉलेज नासिक और अन्य अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की मृत्यु का प्रतिशत ज्यादा है। औरंगाबाद और मुंबई में ज्यादा केस पाए जा रहे हैं लेकिन ठीक से टेस्टिंग नहीं की जा रही है। इससे सामुदायिक प्रसार हो रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के इस पत्र में कहा गया है कि कॉन्टैक्ट ट्रैसिंग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसलिए तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा कोरोना के प्रोटोकॉल के पालन में भी सख्ती नहीं बरती जा रही है। दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से महाराष्ट्र की स्थिति जा जायजा लेने के लिए एक टीम भेजी गई थी। उसकी रिपोर्ट के मुताबिक ही यह पत्र भेजा गया है। महाराष्ट्र में कल 15 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले आए थे।

हरिद्वार कुंभ को लेकर पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री की अलग-अलग राय

तरफ कोरोना है तो दूसरी तरफ हरिद्वार का कुंभ शुरू हो गया है। पूरे देश से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि इस मामले में उत्तराखंड के पूर्व और वर्तमान मुख्यमंत्री की राय एकदम अलग है। एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्ती की अपील की तो नए मुख्यमंत्री ने कहा कुंभ में आने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य में कोरोना केस बढ़ रहे हैं ऐसे में सभी गाइडलाइन का सख्ती से पालन होना चाहिए। अब नए मुख्यमंत्री ने 72 घंटे के अंदर की आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की शर्त भी खत्म कर दी है। नए मुख्यमंत्री ने कुंभ मेले में कई तरह की छूट दे दी जैसे कि शाही स्नान।