कोरोना वायरस के चलते मारे गए लोगों के शव को जलाने की मांग की गई है। यह मांग विश्व हिंदू परिषद ने की है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार कहना है कि Covid-19 के संक्रमण से मारे गए लोगों के शव जलाए जाने चाहिए। इस दौरान उनके धर्म को भी दरकिनार किया जाना चाहिए।
द प्रिंट के मुताबिक उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से मारे गए लोगों की शव जलाए जाने चाहिए चाहे वो किसी भी धर्म के हो। उनका कहना है कि इस दौरान यह नहीं देखा जाना चाहिए कि कोरोना से जिनकी मौत हुई है वह कौन से धर्म के हैं। इसके अलावा उन्होंने तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की है।
तबलीगी जमात की घटना को आलोक कुमार ने शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह घटना कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ी जा रही जंग को फेल कर सकती है। मुस्लिमों के शव दफनाने को उन्होंने जिद भरा कदम बताया।
गौरतलब है कि बृहन्मुंबई नगर निगम के आयुक्त प्रवीण परदेशी ने दो दिन पहले एक परिपत्र जारी किया था निकाला था कि सभी कोविद -19 पीड़ितों के शवों को जलाने की बात कही गई थी। हालांकि राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद इसमें संशोधन किया गया था। धर्म के अनुसार क्रिया कर्म ना करके उन्हें जलाने के फैसले को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी आलोचना की थी।