आज से मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई, कोरोना और बारिश के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद छतरी पकड़ संसद पहुंचे हैं। साथ ही सरकार कोरोना के मुद्दे पर संसद में चर्चा करवाने के लिए तैयार हो गयी है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस महामारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया हुआ है इसलिए हम चाहते हैं कि संसद में भी इस महामारी के संबंध में सार्थक चर्चा हो। सभी व्यावहारिक सुझाव सभी सांसदों से मिलें ताकि महामारी के खिलाफ लड़ाई में नयापन आ सके और कमियों को भी ठीक किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि आप सबको वैक्सीन की कम से कम एक ड़ोज लग गई होगी। वैक्सीन बाहु पर लगती है और जब वैक्सीन बाहु पर लगती है तो आप बाहुबली बन जाते हैं। अब तक 40 करोड़ से ज़्यादा लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बाहुबली बन चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो क्योंकि जनता कई मुद्दों पर जवाब चाहती है और इसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार है।
मानसून सत्र से पहले बोले PM मोदी – विपक्ष के नेता तीखे से तीखा सवाल पूछें, लेकिन सरकार को जवाब देने का मौका भी दें#ATVideo #MonsoonSession #Parliament pic.twitter.com/PkZlx1jKNK
— AajTak (@aajtak) July 19, 2021
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन पत्रकारों से चर्चा में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से तीखे से तीखे सवाल पूछने को कहा लेकिन साथ ही आग्रह किया कि शांत वातावरण में वह सरकार को जवाब देने का मौका भी दें।
सोशल मीडिया में लोगों ने उठाए सवाल? कोरोना को लेकर पीएम मोदी के द्वारा दिए गए बयान को लेकर सोशल मीडिया में लोगों की तरफ से आलोचना की जा रही है। लोगों का कहना है कि 40 करोड़ लोगों में अधिकतर ऐसे लोग हैं जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज ही लगी है। पहले डोज से कोरोना से सुरक्षा की बात सही नहीं है। श्रीकांत यादव नाम के यूजर (@ShrikantYadavw) ने लिखा कि वैक्सीन लगवा लेने के साथ साथ सभी को दो वक्त की रोटी भी चाहिए बाहुबली बनने के लिए सिर्फ वैक्सीन ही नहीं।
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 38,164 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,11,44,229 हो गई। वहीं, संक्रमण से 499 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,14,108 हो गई, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 4,21,665 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.35 प्रतिशत है।

