देश में कोरोना विषाणु संक्रमण की तीसरी लहर के ढलान की शुरुआत हो गई है। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है। देश में 10 दिन से कोरोना के दैनिक मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं, दो दिन से साप्ताहिक संक्रमण दर में भी कमी हो रही है। रविवार को देश में साप्ताहिक संक्रमण दर 16.40 फीसद दर्ज की गई। भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएस) बंगलुरु के विषाणु विज्ञानी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना के दैनिक मामलों और साप्ताहिक संक्रमण दर में कमी इस बात का संकेत है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर देश में कमजोर पड़ गई है।

हालांकि उन्होंने चेताते हुए कहा कि यह कहना गलत होगा कि यह अंतिम लहर है। इसके साथ ही अगली लहर कब और कितनी भयंकर होगी इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है। त्रिपाठी ने बताया कि भारत में लोग कोरोना विषाणु के ओमीक्रान बहुरूप को बहुत हल्का मान रहे हैं और कम लक्षण होने पर जांच भी नहीं करा रहे हैं।

ऐसे में कम जांच की वजह से भी मामलों की संख्या कम हो सकती है लेकिन साप्ताहिक संक्रमण दर का कम होना बताता है कि तीसरी लहर कमजोर पड़ गई है। उनके मुताबिक देश में बड़ी संख्या में लोगों को कोरोनारोधी टीके की खुराक मिल चुकी है और यही वजह है कि यह लहर ढलान की ओर जा रही है। त्रिपाठी ने बताया ने बताया कि ओमीक्रान विषाणु के पहने बहुरूपों के मुकाबले बहुत अधिक संक्रामक है। यदि देश में पहली लहर ओमीक्रान की वजह से आती तो डेल्टा के कारण आई दूसरी लहर के मुकाबले अधिक लोगों की जान जाती क्योंकि उस समय बहुत कम लोगों का टीकाकरण हुआ था।

साप्ताहिक संक्रमण दर का 15 फीसद से अधिक होना भी ज्यादा ही है। अगर अब तक की कुल संक्रमण दर की बात करें तो यह छह फीसद के आसपास ही है। दूसरी लहर के दौरान कुछ दिनों के लिए ही साप्ताहिक संक्रमण दर 22 फीसद से ज्यादा दर्ज की गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश के 388 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर 10 फीसद से अधिक है। वहीं, 144 जिलों में यह संक्रमण दर पांच से 10 फीसद के बीच है।