पीएम नरेंद्र मोदी दो दिनों के दुबई दौरे पर गए हुए हैं और वहां पर उन्होंने COP28 समिट में हिस्सा लिया है। उस समिट में कुल 192 देश हैं जो क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण को बचाने पर गहन मंथन करते हैं। इस बार इस समिट में पीएम नरेंद्र मोदी के अंदाज ने सभी को हैरान कर दिया है। कुछ विदेशी मीडिया में तो भी ऐसी खबरें चल रही है कि मोदी की सक्रियता ऐसी दिखी कि मानो वे ही इस कार्यक्रम के होस्ट हों।
पीएम मोदी ने क्या बोला?
शुक्रवार को जब पीएम मोदी को समिट में अपने विचार रखने का मौका मिला, उनकी तरफ से पर्यावरण पर विस्तार से बात की गई। पीएम मोदी ने कहा कि लोग अपने हेल्थ कार्ड का तो बहुत ध्यान रखते हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि पर्यावरण के बारे में भी सोचा जाए। पृथ्वी के हेल्थ कार्ड में भी पॉजिटिव प्वाइंट जुड़े, ये जरूरी है। इसके अलावा पीएम ने इशारों-इशारों में विकसित देशों पर भी बड़ा हमला किया।
विकसित देशों पर वार
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि कई साल पहले कुछ देशों के किए की कीमत पूरी दुनिया को चुकानी पड़ी। ऐसे में जो भी देश कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें निस्वार्थ भाव ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करना चाहिए। अब जानकारी के लिए बता दें कि एक जमाने में ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक ने विकास की सीढ़ियां चढ़ने के लिए पर्यावरण का काफी शोषण किया, लेकिन अब जब विकसित देश आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन पर सारे नियम पालन करने का दबाव है।
अगला समिट भारत में?
वैसे पीएम मोदी ने 2028 में होने वाले COP33 समिट को होस्ट करने की इच्छा भी जाहिर की है। उनका तर्क है कि इंडिया में कॉर्बन उत्सर्जन की हिस्सेदारी सिर्फ चार फीसदी है। वहीं 2030 तक तो भारत ने इसी उत्सर्जन को 45 फीसदी तक कम करने का लक्ष्य रखा है। इसी वजह से पीएम मोदी मानते हैं कि अगला समिट भारत को होस्ट करने का मौका मिलना चाहिए।