Conversion: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसाबले का कहना है कि धर्मांतरण और सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन जनसंख्या असंतुलन का कारण बन रहा है। उन्होंने धर्मांतरण विरोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया। आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यसमिति की चार दिवसीय बैठक के समापन के बाद बुधवार को प्रयागराज में मीडिया को संबोधित करते हुए होसाबले ने यह टिप्पणी की।
दत्तात्रेय होसाबले ने कहा कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में देश में धर्मांतरण के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई थी। साथ ही बैठक में जनसंख्या नीति तैयार करने और सभी पर एक समान लागू करने का आह्वान किया गया था।
धर्मांतरण के कारण हिंदुओं की आबादी में कमी: आरएसएस नेता ने दावा किया कि धर्मांतरण के कारण देश में कई जगहों पर हिंदुओं की आबादी में कमी आई है और इसके परिणाम भी देखे गए हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों से घुसपैठ के कारण जनसंख्या असंतुलन पैदा हुआ है, जिसने सामाजिक और आर्थिक तनाव पैदा किया है। होसाबले ने दावा किया कि जनसंख्या असंतुलन के कारण अतीत में भारत सहित कई देशों का विभाजन हुआ है।
आरएसएस नेता ने जनसंख्या असंतुलन के लिए परिवारों में सदस्यों की संख्या में कमी को भी एक कारण बताया। दत्तात्रेय होसाबले ने दावा किया कि पिछले 40-50 वर्षों में जनसंख्या नियंत्रण पर जोर देने के कारण, एक परिवार का औसत आकार 3.4 से घटकर 1.9 रह गया है। इस वजह से आने वाले वर्षों में युवाओं की तुलना में बुजुर्गों की आबादी में वृद्धि होने की संभावना है।
धर्मांतरण रोकने के लिए सख्ती से कानून लागू करने की जरूरत: होसाबले ने कहा, भारत को ‘युवा देश’ के रूप में बनाए रखने के लिए जनसंख्या में संतुलन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने अपने कार्यकर्ताओं को आर्य समाज और धर्म जागरण विभाग जैसे संगठनों की सहायता करने के लिए कहा था, जो धर्मांतरण को रोकने के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप ‘घर वापसी’ का एक अनुकूल परिणाम हुआ है। आरएसएस नेता ने कहा कि धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए मौजूदा कानूनों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है।