OM Birla DM Controversy: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कुछ दिन पहले मसूरी दौरे पर गए थे। अब उसी दौरे को लेकर विवाद है, ऐसा आरोप है कि डीएम साविन बंसल का उन्हें सहयोग नहीं मिला, किसी मुद्दे को लेकर जरूरी जानकारी चाहिए थी, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया। इसी वजह से अब विवाद बढ़ गया है और उत्तराखंड सरकार ने भी डीएम से तुरंत स्पष्टीकरण मांगा है।
पूरा विवाद क्या है?
प्रोटोकॉल विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने डीएम को एक पत्र लिखा है। यह पत्र भी इसलिए लिखा गया क्योंकि प्रोटोकॉल विभाग को जानकारी दी गई कि डीएम ने लोकसभा स्पीकर के दौरे के दौरान नियमों का पालन नहीं किया, उन्हें जो सहयोग चाहिए था, वो भी नहीं मिला। यहां तक दावा हुआ कि डीएम ने लोकसभा स्पीकर ओमर बिरला के पद का भी सम्मान नहीं रखा। अब इन्हीं आरोपों के बीच में डीएम से तुरंत सफाई मांगी गई है, उनके जवाब का इंतजार है।
डीएम ने क्या बात नहीं मानी?
लोक सचिवालय की चिट्ठी में भी यह बताया गया है कि डीएम को कई बार कॉल किया गया था, लेकिन वहां भी प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं हुआ, उन कॉल्स को रिसीव ही नहीं किया गया। बाद में जब बिरला के ऑफिस ने सीधे सीएम ऑफिस से संपर्क साधा, तब जाकर डीएम की तरफ से स्पीकर के ऑफिस को कॉल किया गया। इस मामले में अभी तक डीएम की तरफ से कोई सफाई पेश नहीं की गई है।
डीएम ने क्या कहा है?
डीएम ने इतना जरूर कहा है कि इस मुद्दे पर बातचीत हो चुकी है, इससे ज्यादा कुछ नहीं बताया जा सकता। अब यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी डीएम के बर्ताव को लेकर नाराजगी हुई हो, इससे पहले भी कई दूसरे मामलों में ऐसा देखने को मिल चुका है। सीजेआई गवई भी अपने महाराष्ट्र दौरे के दौरान नाराज हुए थे, तब भी कहा गया था कि अधिकारियों ने प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं किया था।
Aiswarya Raj की रिपोर्ट
