केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के यूपीए पर अपने शासनकाल में ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का ईजाद कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने के आरोप से तिलमिलाई कांग्रेस शनिवार को हमलावर मुद्रा में दिखी। पार्टी ने कहा कि भाजपा ‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण ’ के लिए यह मुद्दा उठा रही है।
इसके जवाब में सत्तारूढ़ दल ने कट्टरपंथी समूहों पर राहुल गांधी की टिप्पणी का मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेता व पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यूपीए शासनकाल के दौरान संसद में ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द के इस्तेमाल से इनकार किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्रियों पी चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की ओर से जवाबी हमलों की कमान संभाली। चिदंबरम ने कहा कि यूपीए शासनकाल में गृह मंत्री के रूप में शिंदे ने एकदम अलग परिप्रेक्ष्य में ‘हिंदू आतंकवाद’ पर सवाल उठाया था लेकिन राजनाथ का बयान पूरी तरह बदला हुआ तर्क है। राजनाथ ने शुक्रवार को संसद में यह आरोप लगाया था।
चिदंबरम ने कहा कि शिंदे ने संसद के बाहर बयान दिया था और जिस ढंग से राजनाथ सिंह बता रहे हैं, उस तरह से ‘हिंदू आतंक’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। उन्होंने कहा कि शिंदे जिस बात का जिक्र कर रहे थे, वह दक्षिणपंथी उग्रवादी समूहों से जुड़ा था और उनमें से कुछ पर मालेगांव, मक्का मस्जिद में विस्फोट सहित कुछ अन्य मामलों में आरोप हैं।
चिदंबरम ने कहा कि इनमें से कई आरोपी समूहों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नजदीकी रिश्ते रहे हैं। वस्तुत: कुछ तो संघ के सदस्य भी थे और ये सब जांच के आरोेपपत्र का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि शिंदे ने हिंदू आतंक पर सवाल उठाया था लेकिन एकदम अलग परिप्रेक्ष्य में। उन्हें नहीं लगता कि शिंदे ने आतंकवाद को हिंदू आतंकवाद बताया था। राजनाथ सिंह उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।
आजाद ने कहा कि किसी को भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस को ‘प्रवचन’ देने की जरूरत नहीं है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गृह मंत्री हिंदू आतंकवाद की बात कर धु्रवीकरण की कोशिश कर रहे हैं और सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहे हैं।
शिंदे ने कहा कि राजग सरकार गुरदासपुर आतंकी हमले के परिप्रेक्ष्य में आतंकवाद से निपटने में अपनी खुद की ‘निष्क्रियता’ से लोगों का ध्यान बंटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पुणे में संवाददाताओं से कहा- मैंने संसद में कभी भी हिंदू आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने कांग्रेस के जयपुर सत्र में इसका इस्तेमाल किया था लेकिन तत्काल इसे वापस ले लिया था।
चिदंबरम व आजाद के बयानों के जवाब में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने राहुल गांधी की कथित टिप्पणियों का मुद्दा उठाया, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि कट्टरपंथी हिंदू समूह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर ए तैयबा को मिल रहे स्थानीय समर्थन की तुलना में बड़ा खतरा हो सकते हैं।
रविशंकर प्रसाद ने एक खबर के हवाले से कहा कि 2010 में राहुल ने तत्कालीन अमेरिकी राजदूत के साथ बातचीत में कहा था कि भारत के मुसलिम समुदाय में कुछ तत्वों की ओर से लश्कर ए तैयबा को कुछ समर्थन मिलने के साक्ष्य हैं लेकिन कट्टरपंथी हिंदू समूहों का पनपना कहीं ज्यादा बड़ा खतरा हो सकता है जो मुसलिम समुदाय के साथ धार्मिक तनाव और राजनीतिक टकराव पैदा करते हैं। ये खबर विकीलीक्स की ओर से जारी दस्तावेजों के आधार पर है।
प्रसाद ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और भाजपा कभी ‘मुसलिम आतंक’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करती बल्कि ‘जेहादी आतंक’ की बात करती है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपने बेटे की टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण मांगा और पूछा कि क्या वे राहुल गांधी की टिप्पणियों का समर्थन करती हैं।
अपना अतीत देखे भाजपा:
जैसा किसी भी सरकारी कर्मचारी के लिए नियम है कि आरोपी पद से हटता है ताकि निष्पक्षता तय हो सके। सरकार से यही मांग की जा रही है। भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए ए राजा, दयानिधि मारन, शशि थरूर, पवन कुमार बंसल, अश्वनी कुमार और नटवर सिंह जैसे यूपीए सरकार के कई मंत्रियों के इस्तीफे की मांग पर संसद की कार्यवाही बाधित की थी। इन सभी मंत्रियों को पद छोड़ना पड़ा था। हम और पीछे देखें तो पता लगेगा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने दिसंबर 1995 में कहा था कि हम केवल चर्चा के लिए चर्चा नहीं चाहते।… सीताराम येचुरी, माकपा महासचिव