यह पूरी तरह से मानव के हर काम में शामिल है। किसी व्यक्ति का मस्तिष्क निर्धारित करता है कि वह कैसा सोचता है, वह कैसा महसूस करता है, वह कैसे कार्य करता है और वह अन्य लोगों के साथ कितना अच्छा व्यवहार करता है? व्यक्ति का दिमाग ही तय करता है कि वह किस तरह का इंसान है।

मानव जीवन में जब मस्तिष्क का इतना अधिक महत्त्व है तो हमें इसकी देखरेख, इसके स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रखने की आवश्यकता है। दिमाग बिल्कुल एक मांसपेशी की तरह काम करता है। जितना अधिक आप इसका उपयोग करते हैं, समय के साथ यह उतना ही मजबूत होता जाता है। हर बार जब आप कुछ नया सीखते हैं, तो आपका दिमाग एक नया ‘कनेक्शन’ बनाता है। सीखना मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और गतिविधि को बढ़ाता है।

यदि आप लंबी अवधि तक कुछ नया नहीं सीखते हैं तो मस्तिष्क अपने ‘कनेक्शन’ खोने लगता है और आप स्मृति व सीखने के साथ अधिक संघर्ष करना शुरू कर देते हैं। इसलिए बेहतर मस्तिष्क के लिए जरूरी है कि सीखने का क्रम लगातार जारी रहे। अपने मस्तिष्क को एक ऐसे कंप्यूटर के रूप में देखा जाना चाहिए जो प्रोग्राम किए जाने की प्रतीक्षा कर रहा है। योजना बनाने से फोकस मिलता है और आपको उसकी सीमित मानसिक शक्ति का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद मिलती है।