भारतीय रेलवे पर यात्रियों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने को लेकर उसपर 1 लाख से अधिक राशि की फाइन लगाया गया है। दिल्ली की एक उपभोक्ता अदालत ने रेलवे को उसकी सेवाओं में कमी और लापरवाही को देखते हुए 1 लाख से अधिक का मुआवजा देने का कहा है।

नई दिल्ली की रहने वाली जया कुमारी साल 2016 में मालवा एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थीं। वह दिल्ली से इंदौर जा रही थीं, इसी दौरान उन्हें पता चला कि उनका बैग चोरी हो गया है। उनके बैग में लैपटॉप, कलाई घड़ी, गहनें समेत कई कीमती सामान थे। इसको लेकर जया जब रेलवे अधिकारियों से मिली तो कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं था। ऐसी स्थिति में जया ने उपभोक्ता अदालत में अपनी अर्जी दाखिल की।

इस मामले में रेलवे प्रशासन अदालत में कहा कि आरक्षित डिब्बों में कोई बिना आरक्षण वाला यात्री घुस आया था और उसी ने ऐसा काम किया है। हालांकि प्रशासन इस बात की भी शिकायत सुनने को तैयार नहीं था। इस पूरे मामले को देखते हुए उपभोक्ता अदालत ने रेलवे के सभी तर्कों को मानने से इंकार कर दिया। जबकि रेलवे ये सिद्द करना चाहता था कि जया अपने सामान को लेकर लापरवाह थीं, इस वजह से चोरी हुई।

कोर्ट ने बीते 3 जून को अपने आदेश में कहा कि इस घटना में कई कीमती सामान चोरी हुए। इसके बाद शिकायतकर्ता ने इसको लेकर एफआईआर दर्ज करानी चाही तो इसको लेकर भी उनको कानूनी अधिकार की सुविधा नहीं मिली। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि यदि रेलवे प्रशासन द्वारा सेवाओं में कमी और लापरवाही नहीं की होती तो यह घटना नहीं हुई होती।

वहीं आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायक की गई याचिका के जवाब में रेलवे ने बताया कि कि जया के चोरी का मामला एक मात्र नहीं है। हर रोज करीब 12 मामले सामने आते हैं। जिसमें से ज्यादातर चोरी और लूट के होते हैं। इसके अलावा दिल्ली स्थित पुलिस उपायुक्त ऑफिस में 4342 आपराधिक मामले दर्ज किए गए। जबकि साल 2022 में कुल मामला 3065 था। यानी एक साल में ही करीब 30 प्रतिशत की बढ़ौत्तरी हुई।