Shashi Tharoor On Bangladesh Violence: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हालात उस वक्त बेकाबू हो गए, जब युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद उग्र भीड़ ने देश के दो प्रमुख अखबारों प्रथम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों में आग लगा दी। इस पर कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी है और वहां की अंतरिम सरकार से तीन अहम मांगे की हैं।
शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “बांग्लादेश से आ रही रिपोर्टों से मैं बहुत चिंतित हूं। वहां भीड़ द्वारा हमले और प्रोथोम अलो और द डेली स्टार के कार्यालयों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं। ये हमले सिर्फ दो मीडिया संस्थानों पर ही नहीं, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और एक बहुलवादी समाज की नींव पर ही हमला हैं। मैं संपादकों के कल्याण को लेकर चिंतित हूं।”
अगले साल होने वाले हैं राष्ट्रीय चुनाव- शशि थरूर
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा, “सुरक्षा खतरों में बढ़ोतरी के कारण खुलना और राजशाही स्थित भारतीय सहायक उच्चायोगों में वीजा सेवाओं का जबरन निलंबन एक बड़ा झटका है। इस व्यवधान का सीधा असर छात्रों, रोगियों और परिवारों पर पड़ता है, जो अंततः सीमा पार आवागमन में सामान्यीकरण की झलक देख रहे थे। 12 फरवरी, 2026 को राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में हिंसा और असहिष्णुता का यह माहौल लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अशुभ संकेत है।”
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थरूर ने अंतरिम सरकार से की तीन मांग
शशि थरूर ने अंतरिम सरकार के मुखिया से तीन मांगें करते हुए कहा, “अंतरिम सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा, भीड़तंत्र को हावी न होने दिया जाए और मीडिया कर्मियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो। राजनयिक मिशनों की सुरक्षा: महत्वपूर्ण जन-संबंधों को बनाए रखने के लिए राजनयिक परिसर सुरक्षित क्षेत्र बने रहने चाहिए। लक्षित दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। शांति की बहाली: यदि देश को इस परिवर्तन से किसी भी रूप में लोकतंत्र के साथ आगे बढ़ना है, तो भीड़तंत्र की जगह रचनात्मक संवाद को अपनाना होगा।”
शशि थरूर ने कहा, “अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस को व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए पहल करनी चाहिए। बांग्लादेश में स्थिरता पूरे क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम शांति और सुरक्षित वातावरण की वापसी की आशा करते हैं, जहां जनता की आवाज हिंसा और धमकी के बजाय मतदान के माध्यम से सुनी जाए।”
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