अयोध्या के राममंदिर में लगने वाली रामलला की मूर्ति जल्द ही तैयार हो जाएगी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि राम लला की मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू हो गया है और मूर्ति निर्धारित समय में बनकर तैयार हो जाएगी।
तीन अलग-अलग पत्थरों पर तीन मूर्तियां बन रही हैं
चंपत राय ने बताया, “राम लला की मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। कर्नाटक के डॉ गणेश भट्ट, जयपुर के सत्य नारायण पांडेय और कर्नाटक के अरुण योगीराज, तीन अलग-अलग पत्थरों पर तीन अलग-अलग जगह मूर्ति बना रहे हैं। उम्मीद है कि निर्धारित समय के अंतर्गत मूर्ति बनकर तैयार हो जाएगी, अन्य प्रतिमाओं पर अभी विचार नहीं हुआ है।”
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए रामलला की 3 मूर्तियों का निर्माण शुरू हो गया है। इनके लिए कर्नाटक की दो श्याम शिला और राजस्थान के श्वेत संगमरमर का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि अभी ये निश्चित नहीं है कि इनमें से कौन-सी मूर्ति गर्भगृह के लिए चुनी जाएगी।
मूर्तियों को तैयार करने में करीब चार महीने का समय लगेगा
इन मूर्तियों को पूरी तरह से तैयार करने में करीब चार महीने का वक्त लगेगा। रामसेवकपुरम में कर्नाटक के मैसूर से आईं दो शिलाओं, जबकि उसके सामने के परिसर में राजस्थान से आई संगमरमर की शिला को आकार दिया जा रहा है। कर्नाटक के शिल्पकार गणेश एल. भट्ट और राजस्थान के शिल्पकार सत्यनारायण पांडेय के नेतृत्व में यहां काम हो रहा है।
ट्रस्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 तक मंदिर का ग्राउंड फ्लोर बन कर तैयार हो जाएगा। जनवरी 2024 में राम लला को उनके गर्भ गृह में विराजमान कर दिया जाएगा और भक्त राम लला के दर्शन कर सकेंगे। गौरतलब है कि 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया था जिसके बाद राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
दिसंबर में हो सकती है मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि दिसंबर में अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभी तिथि निर्धारित नहीं की गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि श्रीराम मंदिर के निर्माण में पत्थरों को जोड़ने के लिए सीमेंट और रेत का नहीं बल्कि तांबे की पत्तियों का प्रयोग किया जा रहा है।