बाईस जनवरी को अयोध्या में ऐसा ही दृश्य नजर आने वाला है। मर्यादा पुरुषोत्तम अपने महल की तरफ चलेंगे। अयोध्या का आकाश पुष्प वर्षा से ढक जाएगा और घरों की अटारियों पर चढ़ कर नर-नारी इस मोहक दृष्य को देखेंगे। सच में पूरा उत्तर प्रदेश राममय हो चुका है। कड़ाके की ठंड के बीच अलाव तापते या कमरे में हीटर की तपन के बीच कुनकुने बिस्तर पर सिमटे हुए लोग हों, इस वक्त सब की जुबान पर राम हैं।

वो घर जहां के मंदिरों में राम दरबार रखे हैं, सब राम के भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित होने का बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की राममय फिजा सियासत की नई तदबीर गढ़ने को आतुर दिखाई देती है। यहां की सड़कों पर राम हैं, चाय की दुकानों में राम हैं और सत्ता का गलियारा तो राममय है ही।

अयोध्या में भव्य मंदिर में होने वाली भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा ने प्रदेश के कण-कण को राममय कर दिया है। राम के नाम ने मानों सब को जगा दिया हो। कड़ाके की ठंड के बीच उत्तर प्रदेश में राम के नाम की कुनकुनाहट किस कदर है, इसका अंदाजा लगाना हो तो सड़कों पर आइये। मकर संक्रांति से उत्तर प्रदेश की सड़कों पर राम नामी और राम के झंडे बिकना शुरू हो गए हैं। जबकि यह वो वक्त है, जब गणतंत्र दिवस की तैयारियां शुरू हो जाती हैं और तिरंगे बेचते बच्चे सड़कों पर नजर आते हैं। मगर, इस बार ऐसा अब तक नहीं है।

राम नाम लिखी सिंदूरी रंग की राम पताका, राम नाम लिखे पेंडेंट, राम के नाम के झंडे और न जाने क्या-क्या सड़कों पर बिकने शुरू हो गए हैं। जिधर देखो, सिर्फ राम नजर आते हैं। राम का इस तरह नजर आना और जनमानस में समाते चले जाना भारतीय जनता पार्टी की मुंह मांगी मुराद पूरी कर रहा है। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले उत्तर प्रदेश का इस कदर राममय हो जाना प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा का आत्मविश्वास बढ़ा रहा है।

मर्यादा पुरुषोत्तम के सहारे हर घर तक पहुंचने की भारतीय जनता पार्टी की कोशिश बहुत हद तक कामयाब होती दिख रही है। अक्षत लेकर घर-घर पहुंच रहे भाजपा के कार्यकर्ता लोगों से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं। जबकि, पूरा विपक्ष अब तक न ही जनता के बीच अपनी एकजुटता दिखा पाया है और न ही अभी तक अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर सका है। ऐसे में भाजपा की राम के सहारे बड़ी लीड ले लेना लोकसभा चुनाव में उसे अप्रत्याशित लाभ दे सकता है।

उधर, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के बिना किसी से गठबंधन किए लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान करने से भाजपा इत्मीनान की मुद्रा में आ गई है। हालांकि, उसे मायावती की ताकत का भी बखूबी अहसास है। फिलहाल इस वक्त उत्तर प्रदेश राम के रंग में रंगा हुआ है। राम की चुनरिया ओढ़े लोग जिस रस में डूबे हैं वो लोकसभा चुनाव में भाजपा को नई रंगत और ताकत दोनों देता दिख रहा है।