कांग्रेस उपा ध्यक्ष राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड केस में समन किए जाने पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को उन्होंने कहा, ‘मुझे साफ तौर इसमें राजनीतिक बदले की भावना दिखाई दे रही है। केंद्र सरकार इसी तरह से काम करती है। उसे लगता है कि इस तरह बदले की राजनीति कर वह मुझे सवाल उठाने से रोक सकेगी। पर ऐसा होने वाला नहीं है।’ इससे पहले सोनिया गांधी ने कहा था कि वह इंदिरा गांधी की बहू हैं और किसी से डरती नहीं हैं। दोनों को 19 दिसंबर को ट्रायल कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया है कि दोनों ने कुछ लोगों के साथ मिल कर नेशनल हेराल्ड अखबार की पांच हजारा करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति हथियाने के लिए घपला किया।
कोर्ट से मिली मोहलत: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट में अब 19 दिसंबर को पेश होना होगा। पहले उन्हें आठ दिसंबर को पेश होना था। लेकिन ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 19 दिसंबर तय करते हुए उसी दिन उन्हें पेश होने को कहा। इन दोनों को झटका देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में उनको मिले समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इस मामले में उन्हें मंगलवार को निचली अदालत में पेश होना था। कांग्रेस ने कहा है कि इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, जबकि भाजपा ने इसका स्वागत किया है।
न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाओं को खारिज किया जाता है। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से निचली अदालत में पेश होने से छूट देने के लिए सोनिया और राहुल की एक अन्य याचिका भी नामंजूर कर दी। सोनिया और राहुल के अलावा मामले के पांच अन्य आरोपी सुमन दुबे, मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया लिमिटेड को अदालत में पेश होना है। अदालत ने छह अगस्त, 2014 के अंतरिम आदेश को बढ़ाने से भी इनकार कर दिया। इस आदेश में ही समन पर रोक लगाई गई थी।
आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीन रावल ने आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से पेशी से छूट देने या फिर 6 अगस्त, 2014 के आदेश पर रोक लगाने की अवधि बढ़ाने का मौखिक अनुरोध ठुकराते हुए जज गौड़ ने कहा- नहीं। अदालत ने अपने फैसले में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को ब्याज मुक्त ऋण देने की जरूरत पर भी सवाल खड़े किए। ये नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक हैं। फैसले में कहा गया है कि ब्याज मुक्त ऋण देने की क्या जरूरत है। निचली अदालत ने पिछले साल 26 जून को स्वामी की शिकायत पर सभी आरोपियों को सात अगस्त, 2014 को अदालत में पेश होने का समन दिया था।
इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने 30 जुलाई, 2014 को हाई कोर्ट का रुख किया जिसने पिछले साल छह अगस्त को समन पर रोक लगा दी थी। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर की गई एक आपराधिक शिकायत के आधार पर इन नेताओं को समन जारी किए गए थे।
कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में उनको मिले समन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किए जाने संबंधी फैसले को मंगलवार को शीर्ष अदालत में चुनौती दी जाएगी। पार्टी ने दावा किया कि फैसले में कई कानूनी कमियां हैं। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर किए गए इस मामले में यह उनके लिए एक गहरा आघात है। सिंघवी इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में पार्टी उपाध्यक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सिंघवी ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह स्पष्ट किया कि पार्टी न सिर्फ इस फैसले को चुनौती देगी बल्कि सभी कानूनी उपायों और अवसरों का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि ये व्यक्तिपरक चीजें हैं। यह एक साफ मामला है। अनेक कानूनी कमियां हैं। हमारे पास अकाट्य तर्क हैं।
वहीं भाजपा ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश का स्वागत किया कि वे कानून से बच नहीं सकते जो अपना काम कर रहा है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यही होता है जब आप इतनी बड़ी संपत्ति बहुत छोटी राशि में खरीदते हैं। कानून अपना काम कर रहा है। वे (सोनिया और राहुल गांधी) भी अदालत में गए। कानून आम आदमी और सोनिया गांधी के लिए बराबर है। वे उससे बच नहीं सकते।
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