उत्तर प्रदेश काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी और योगी सरकार में मुख्य सचिव की जिम्मेदारी निभा चुके अनूप चंद्र पांडेय की चुनाव आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को लेकर अब कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्विटर पर संकेत दिया है कि पांडेय की नियुक्ति को यूपी चुनाव से पहले भाजपा का अहम कदम है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “भारत के नवनियुक्त ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ का ट्विटर बायो देखिए। क्या यूपी में कोई चुनाव हैं?”
नए चुनाव आयुक्त के ट्विटर बायो में क्या?: भारत के तीन चुनाव आयुक्तों में से एक पद पर नियुक्ति पाने वाले अनूप चंद्र पांडेय ने ट्विटर बायो पर खुद को नेशनल ग्रीन ट्रिबयूनल (NGT) यूपी ओवरसाइट कमेटी का सदस्य और उत्तर प्रदेश का पूर्व मुख्य सचिव बताया है। यानी पांडेय योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (जून 2018 से फरवरी 2019 तक) रहे।
Twitter ‘Bio’ of Newly appointed ‘Chief Election Commissioner’ of India.
Is there any election scheduled in UP? pic.twitter.com/MFYMxltNi4
— Srinivas B V (@srinivasiyc) June 9, 2021
बताया जाता है कि यूपी के चीफ सेक्रेटरी पद से उनका रिटायरमेंट फरवरी 2019 में ही हो जाना था, लेकिन योगी सरकार ने केंद्र की सहमति के बाद पांडेय को छह महीने का सेवा विस्तार दे दिया था। प्रशासनिक सेवाओं से रिटायरमेंट के बाद उन्हें एनजीटी जैसे संस्थान में भी नियुक्ति मिल गई।
बता दें कि कानून मंत्रालय के विधायी विभाग ने कहा मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि राष्ट्रपति ने 1984 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी पांडेय को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के रूप में सुनील अरोड़ा का कार्यकाल 12 अप्रैल को पूरा हो गया था। इसके बाद से निर्वाचन आयुक्त का एक पद रिक्त था।
यूपी में 2021 की शुरुआत में चुनाव: हालांकि, अब पांडेय की नियुक्ति के बाद तीन अधिकारियों वाले चुनाव आयोग का पैनल पूरा हो गया है। इसमें सुशील चंद्रा मुख्य चुनाव आयुक्त हैं, वहीं राजीव कुमार दूसरे निर्वाचन आयुक्त हैं। बताया गया है कि अनूप चंद्र पांडेय नियुक्ति के बाद अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड के चुनाव कराने में अहम भूमिका निभाएंगे। इनमें सबसे पहले यूपी और उत्तराखंड में ही चुनाव होने हैं, जहां फरवरी में भाजपा की सरकारें अपना कार्यकाल पूरा करेंगी।