लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सीटों के हिसाब से अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी पैठ बनाने के लिए खास कवायद अमल में ला रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 26 ऐसी सीटें चिन्हित की हैं, जहां उसका सबसे ज्यादा जोर रहेगा। इनमें गांधी परिवार की प्रभाव वाली सीटें रायबरेली, अमेठी और सुल्तानपुर को छोड़ बाकी 23 सीटों पर पार्टी खास मेहनत करने वाली है। गौरतलब है कि ये वे सीटें हैं जहां 2009 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने इन सीटों से उन पूर्व सांसदों को इंचार्ज बनाया है, जो पहले यहां से चुनाव जीत चुके हैं।
कांग्रेस इन 23 सीटों के अलावा भी बाकी संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन, बाकी के सीटों पर उसका फोकस नहीं रहने वाला है। कांग्रेस को लगता है कि जहां से उसे उम्मीद है वहीं पर वह अपनी ताकत का इस्तेमाल करे। बीते दिनों लखनऊ में पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और सही स्थिति जानने की कोशिश की। बीएसपी-एसपी के गठबंधन में जगह नहीं मिलने के बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अकेले ही चुनाव लड़ने वाली है।
उत्तर प्रदेश के अलावा कांग्रेस ने उन राज्यों की 250 सीटों को चिन्हित किया है जहां पर उसका शासन नहीं है। कांग्रेस इन सीटों पर विशेष फोकस के साथ तैयारी कर रही है। इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक कांग्रेस पंचायत स्तर पर 18 से 35 साल के उम्र के मतदाताओं में अपनी बैठ बनाने की मुहिम में जुटी है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने बीजेपी को इन सीटों से गायब करने का प्रण भी लिया है। इसको लेकर हरियणा, गुजरात, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से शुरुआत भी कर दी गई है। कांग्रेस इन 250 सीटों पर पिछले दो लोकसभा चुनावों में दूसरे पोजिशन पर रही है।