कांग्रेस के स्वामित्व वाले ‘नेशनल हेराल्ड’ के बंद होने के आठ साल बाद अखबार ने अपने डिजिटल संस्करण के साथ सोमवार को फिर से वापसी की। इसके मुद्रित संस्करण के जल्द शुरू होने की बात कही गई है। इसकी जानकारी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीटर पर वेबसाइट का लिंक साझा करके दी। उन्होंने इस शुरुआत को पंडित नेहरू के जन्मदिन पर यथोचित श्रद्धांजलि बताया।

अपनी संपत्तियों को लेकर कानूनी बाधा में घिरी ‘एसोसिएशन जर्नल्स लिमिटेड’ ने ‘डब्लूडब्लूडब्लू डॉट नेशनलहेराल्ड डॉट कॉम’ के लॉन्च की घोषणा की। दावा किया गया है कि अखबार के मुद्रित संस्करण का भी जल्द नया अवतरण होगा। कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘बदलते समय को ध्यान में रखते हुए अखबार समूह ने एक मजबूत डिजिटल छवि के साथ मल्टीमीडिया आउटलेट के तौर पर फिर से इसका चरणबद्ध प्रकाशन शुरू किया है। डिजिटल वेबसाइट में इसके संस्थापक पंडित जवाहर लाल नेहरू के अनुरूप ही संपादकीय दृष्टिकोण और सिद्धांतों का अनुसरण किया जाएगा।’ इसके मुताबिक, ‘जिन मूल्यों को इसने हमेशा पोषित किया हैं उन्हें और स्वतंत्रता आंदोलन के सर्वश्रेष्ठ मूल्यों अर्थात सांप्रदायिक संघर्ष से मुक्त एक आधुनिक, लोकतांत्रिक, न्यायसम्मत, समान, उदार और सामाजिक सौहार्द सम्पन्न राष्ट्र के निर्माण के लिए यह प्रतिबद्ध है।’

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इसे फिर से शुरू करना नेहरू को उनकी जयंती पर एक यथोचित श्रद्धांजलि है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘नेशनल हेराल्ड इंडिया अपने गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ा रहा है, एक आधुनिक, लोकतांत्रिक, न्यायसम्मत और सौहार्दपूर्ण राष्ट्र के दृष्टिकोण को आवाज दे रहा है।’ ट्विटर पर समाचार पोर्टल के नए लिंक को साझा करते हुए उन्होंने ट्वीट किया, ‘पंडित नेहरू को उनकी 127वीं जयंती पर एक यथोचित श्रद्धांजलि। नेशनल हेराल्ड इंडिया की टीम को उनकी नई पारी के लिए बधाई।’

बयान के मुताबिक 1938 में एक दैनिक के रूप में शुरू हुआ यह अखबार भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का अगुआ था। अखबार के मास्टहेड पर नेहरू के हाथ से लिखे शब्द, ‘आजादी खतरे में है, अपनी पूरी ताकत से इसकी रक्षा करें’, के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाता है। इसकी वेबसाइट के साथ एक कार्टून भी है जिसके साथ अंग्रेजी में लिखा है, ‘डोंट स्पेयर मी शंकर’ (शंकर मुझे मत बख्शना) और साथ में एक संपादकीय भी है जिसमें लोकतांत्रिक भावना, जवाबदेही के लिए तैयार, आलोचना और देश के प्रथम प्रधानमंत्री के कुछ हास्य समाहित हैं। वेबसाइट ने कहा, ‘इस वक्त हमें इस भावना की अधिक से अधिक देखने की आवश्यकता है। हमारे संस्थापक ने जिस आजादी के संघर्ष के मूल्यों को स्थापित किया उन्हें कायम रखने वाले मुक्त आवाज के साथ हमने इस वेबसाइट के रूप में अपना पहला बीटा छोटा कदम उठाया है। पूर्ण रूप से समाचार वेबसाइट और रोके गए पुराने अखबार को अब नए अवतरण में देखा जाएगा। 1938 में शुरू की गई यात्रा के साथ इन अगले कदमों पर हमारे साथ रहें। इस प्रसार को देखते रहें।’

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