व्यापमं मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आज तकरार उस वक्त और तीखी हो गई जब विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से सीबीआई जांच के लिए सहमति जताने में विलंब एक आपराधिक कृत्य है क्योंकि इस मामले में बहुत सारे सबूत पहले ही खत्म हो चुके हैं।
भाजपा ने यह कहते हुए पलटवार किया कि मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है जो यह सुनिश्चित करेगी कि दोषी को सजा हो और इसमें ‘कांग्रेस की निगरानी की कोई जरूरत नहीं है।’
कांग्रेस नेता प्रमोदी तिवारी ने कहा, ‘‘यह घोटाला अपराध, साजिश और हत्या का घृणित अध्याय है। शुरुआती सबूत का अपना महत्व होता है। शिवराज सिंह चौहान सीबीआई को जांच सौंपने में विलंब के आपराधिक कृत्य के दोषी हैं और अब बहुत सारे सबूत नष्ट हो चुके हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में अदालत से आग्रह करने की बजाय केंद्र की भाजपा नीत सरकार को सीधे सीबीआई जांच के लिए क्यों नहीं लिखा? कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा करके वह अदालत को सूचित कर सकते थे। तिवारी ने आरोप लगाया कि ‘यह एक और खेल है।’
चौतरफा दबाव से घिरे मुख्यमंत्री चौहान ने कल यूटर्न लिया और सीबीआई जांच पर सहमति जताई। राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख कर इस प्रवेश परीक्षा और भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच के निर्देश की मांग की।
कांग्रेस पवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि न सिर्फ व्याममं घोटाले, बल्कि इस मामले से जुड़ी सभी मौतों की जांच सीबीआई द्वारा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘व्यापमं से जुड़ी जिन मौतों को मध्य प्रदेश सरकार ने आत्महत्या करार दिया उनकी जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई द्वारा होनी चाहिए ताकि सभी असामान्य मौतों, दुर्घटना से हुई मौतों और आत्महत्या के मामलों का सच सामने आ सके।’’
शोभा ने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा के कई नेताओं के नाम व्यापमं घोटाले में आए हैं। कांग्रेस के एक और प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘‘हमारी मांग निरंतर यह रही है कि सीबीआई की निगरानी के लिए एसआईटी हो।’’
मुख्यमंत्री चौहान के 24 घंटे के भीतर बदले रुख पर हैरानी जताते हुए सिंघवी ने कहा कि शायद उन्होंने अपनी पार्टी के भीतर आंतरिक अपवादों तथा तथ्यों को स्पष्ट करने की असंभावना को देखते हुए अपना रुख बदला।
सिंघवी ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर 30, 40, 50 मौतों के मामले पर प्रधानमंत्री नहीं बोलते तो मुझे हैरानी है कि वह किस बात पर बोलेंगे। क्या वह ट्विटर, सोशल मीडिया, लाल किला, टेलीविजन, मन की बात में बोलेंगे?’’
कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए उच्च न्यायालय से आग्रह कर चुके हैं, ऐसे में यह मामला अब अदालत और एजेंसी के बीच का है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश और जनता को अदालत की निगरानी वाली जांच में विश्वास है। इसमें कांग्रेस की निगरानी की कोई जरूरत नहीं है।’’
हुसैन ने कहा कि सीबीआई जांच की विपक्ष की मांग स्वीकार कर ली गई है और अब उनको शोरगुल करने की बजाय जांच की प्रतीक्षा करनी चाहिए।