कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-23 के नेताओं ने गुरुवार शाम को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर फिर से बैठक की। बैठक 24 घंटे में दूसरी बार हुई। इस दौरान कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और भूपेंद्र हुड्डा मौजूद रहे। इससे पहले हुड्डा ने आज राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद ही यह बैठक हुई। खेमे ने इस तथ्य पर जोर दिया कि वह पार्टी में विभाजन नहीं चाहता, लेकिन गांधी परिवार पर चीजों में बदलाव के लिए दबाव डालता रहेगा।

सूत्रों के अनुसार, समूह के वरिष्ठ सदस्य देश भर में समान विचार वाले कांग्रेसी नेताओं से संपर्क साधेंगे और समर्थन हासिल करने का प्रयास करेंगे। जी-23 के कुछ ही सदस्य वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर मिले। गुट नेतृत्व में बदलाव की अपनी मांग पर अडिग है। उसका कहना है कि कांग्रेस के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका “सामूहिक और समावेशी नेतृत्व और निर्णय लेने” का एक मॉडल अपनाना है।

कार्यसमिति में गांधी परिवार के वफादारों के रुख से परेशान असंतुष्ट नेताओं ने शुक्रवार से कई बैठकें की हैं। पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी का राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ सभी पदों से हटने की पेशकश को ठुकरा दिया था। गांधी परिवार के वफादार चाहते हैं कि पार्टी के शीर्ष पद पर गांधी परिवार के इतर कोई और न बैठे।

बता दें कि बुधवार को असंतुष्ट और छह राज्यों के कुछ नए चेहरे समेत कुल 18 नेता राज्य चुनावों में पार्टी की हार के बाद आगे के रास्ते पर चर्चा करने के लिए मिले थे। कांग्रेस को पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी की अब केवल दो राज्यों मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार है।

सीडब्ल्यसी बैठक के दौरान संगठनात्मक चुनावों या शीर्ष पद पर गांधी परिवार से इतर किसी अन्य नेता को चुनने के लिए कोई बात नहीं हुई, जिसकी मांग लगातार बढ़ रही है। सूत्रों ने कहा कि नेताओं ने फिलहाल पार्टी से अलग नहीं होने का फैसला किया है। तर्क यह था कि पार्टी की कमजोर स्थिति को देखते हुए, यह पूरी तरह से धराशायी हो सकती है।

जी- 23 खेमे के नेताओं ने दो साल पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और संगठनात्मक चुनावों और नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी। इनमें से एक गुलाम नबी आजाद की आज सोनिया से मिलने और अपना संदेश देने की उम्मीद थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सोनिया गांधी हर कांग्रेसी से बातचीत के लिए तैयार हैं। जब हमें साथ मिलकर लड़ने की जरूरत है, तो कुछ नेता पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। अगर उनकी मंशा सही है तो सोनिया गांधी से बात क्यों नहीं करते?

इससे पहले आज हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले थे। वह बुधवार को जी-23 की बैठक में शामिल हुए थे। इसमें मणिशंकर अय्यर, राज बब्बर और शशि थरूर भी शामिल थे। जी-23 के पहले पत्र के बाद से गांधी परिवार के वफादार नेताओं ने असंतुष्टों के इरादों पर सवाल उठाए हैं।