Jagdeep Dhankhar on Judiciary: न्यायपालिका बनाम विधायिका की बहस के बीच  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) की जयपुर में की गयी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस का बयान सामने आया है। कांग्रेस ने जगदीप धनखड़ से पहले उपराष्ट्रपति रहे एम वेंकैया नायडू की 2020 में दी गई टिप्पणी का हवाला दिया है।  वेंकैया नायडू ने कहा था कि राज्य के तीन अंगों में से कोई भी सर्वोच्च होने का  दावा नहीं कर सकता है क्योंकि केवल संविधान (Constitution) ही सर्वोच्च है।

उपराष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar ने क्या कहा था ?

राजस्थान की राजधानी जयपुर में 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने 1973 के चर्चित केशवानंद भारती केस का जिक्र करते हुए कहा कि इस फैसले ने गलत मिसाल पेश कर दी है और अगर कोई भी अथॉरिटी संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति पर सवाल उठाती है, तो यह कहना मुश्किल होगा कि ‘हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि न्यायिक मंचों से जनता के लिए दिखावा अच्छा नहीं है। मुझे तब आश्चर्य हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने अटॉर्नी जनरल को अपनी नाराजगी उच्च संवैधानिक अधिकारियों को बताने के लिए कहा था।

केशवानंद भारती केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था

गौरतलब है कि केशवानंद भारती केस के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संसद के पास अनुच्छेद 368 के तहत संविधान में संशोधन करने की शक्ति तो है लेकिन ये शक्ति असीमित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान का संशोधन तभी तक माना जा सकता है जब तक ये बदलाव संविधान की प्रस्तावना के मूल ढांचे को नहीं बदलता है।

Congress ने पूर्व उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के बयान का जिक्र किया

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) के जयपुर में दिए गए इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट किया।

जयराम रमेश ने ट्वीट में लिखा ”चिदंबरम ने न्यायपालिका पर उपराष्ट्रपति के हमले का स्पष्ट रूप से जवाब दिया है कि संविधान सर्वोच्च है, ना कि संसद। सिर्फ एक साल पहले धनखड़ के पूर्ववर्ती वेंकैया नायडू ने भी वही कहा था, जो चिदंबरम ने कहा।”