देश में बीते कुछ दिनों से लगातार पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है। अब इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। अपनी इस चिट्ठी में सोनिया गांधी ने पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाए जाने के सरकार के फैसले की आलोचना की है। पत्र में कहा गया है कि ‘यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों के दुख दूर करे, ना कि उन्हें और मुश्किल में डाले… जब लोग निराश और मुश्किलों से घिरे हैं, ऐसे समय में भी सरकार ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के अलावा कुछ नहीं किया है। ‘
सोनिया गांधी ने पत्र की शुरुआत में लिखा है कि भारत कोरोना वयारस माहमारी के चलते अभूतपूर्व स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। लेकिन ऐसे वक्त में भी सरकार ने पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने का असंवेदनशील फैसला लिया है। सरकार को इस बढ़ोत्तरी से करीब 2,60,000 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा। इससे लोगों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने चिट्ठी में आगे लिखा कि इस बात में कोई तर्क नहीं है कि जब देश में माहमारी के चलते करोड़ों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं, काम-धंधे बंद हो गए हैं और मध्यम वर्ग की आमदनी में तेजी से गिरावट आ रही है, यहां तक कि खरीफ के सीजन में किसान फसल बुवाई में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाना गलत है।
गांधी ने ये भी कहा कि अनर्तरराष्ट्रीय बाजार में बीते हफ्ते कच्चे तेल की कीमतों में 9 फीसदी की गिरावट आयी है और बीते कुछ महीनों से यह अपने न्यूनतम स्तर पर थे। ऐसे में सरकार अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाने के अलावा आम लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है।
सोनिया गांधी ने लिखा कि सरकार ने 12 बार विभिन्न मौकों पर तेल के दामों में वृद्धि की है और पेट्रोल की कीमतों में यह वृद्धि23.78 रुपए प्रति लीटर है और डीजल के दामों में यह वृद्धि 28.37 रुपए प्रति लीटर है। सरकार ने बीते 6 सालों में अकेले पेट्रोल डीजल पर एक्साइड ड्यूटी से करीब 18 लाख करोड़ रुपए इकट्ठा किए हैं और मौजूदा वक्त इन पैसों को लोगों की सहायता के लिए खर्च करने का है।
सोनिया गांधी ने सरकार से पेट्रोल डीजल के दामों में की गई वृद्धि को वापस लेने और लोगों के हाथ में सीधे पैसे देने की अपील की।