देश में बढ़ते कोरोना संकट के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। कांग्रेस नेता ने रविवार को फिर एक बार ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा।
राहुल ने ट्वीट में लिखा कि जीडीपी में ऐतिहासिक गिरावट का एक और बड़ा कारण है- मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स (GST)। इससे बहुत कुछ बर्बाद हुआ जैसे लाखों छोटे व्यापार, करोड़ों नौकरियां और युवाओं का भविष्य, राज्यों की आर्थिक स्थिति, GST मतलब आर्थिक सर्वनाश।राहुल ने अपने ट्वीट के साथ ही एक वीडियो भी पोस्ट किया। यह राहुल की तरफ से सिलसिलेवार वीडियो पोस्ट करने की 4 कड़ियों का तीसरा वीडियो था।
इस वीडियो में राहुल ने एक बार फिर से असंगठित क्षेत्र की बदहाली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में असंगठित क्षेत्र पर दूसरा बड़ा आक्रमण जीएसटी था। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की तरफ से प्रस्तावित जीएसटी सरल टैक्स था। इसमें एक टैक्स, कम से कम टैक्स व साधारण टैक्स की बात थी।
राहुल ने आगे कहा कि एनडीए का जीएसटी बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा कि चार अलग-अलग टैक्स जिनकी दर 28 परसेंट तक है, बहुत जटिल है जिसे समझना बहुत मुश्किल है। राहुल ने कहा कि छोटे और मझोले उद्योग इस टैक्स को भर ही नहीं सकते और बड़ी कंपनियां इसको आसानी से भर सकती हैं।
GDP में ऐतिहासिक गिरावट का एक और बड़ा कारण है- मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स (GST)।
इससे बहुत कुछ बर्बाद हुआ जैसे-
▪️लाखों छोटे व्यापार
▪️करोड़ों नौकरियाँ और युवाओं का भविष्य
▪️राज्यों की आर्थिक स्थिति।GST मतलब आर्थिक सर्वनाश।
अधिक जानने के लिए मेरा वीडियो देखें। pic.twitter.com/QdD3HMEqBy
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 6, 2020
राहुल ने जीएसटी के चार स्लैब पर भी सवाल खड़े किए। राहुल ने कहा कि सरकार चाहती है जिसकी पहुंच हो वह जीएसटी को आसानी से भर पाए। जिसकी पहुंच ना हो वह जीएसटी के बारे में कुछ ना कर पाए। उन्होंने हिंदुस्तान के 15-20 बड़े उद्योगपतियों की जीएसटी पहुंच होने की बात कही। राहुल ने कहा कि ये लोग जो भी कानून बदलना चाहते हैं वह इस जीएसटी में बदल देते हैं।
राहुल गांधी ने एनडीए सरकार की तरफ से जीएसटी बकाया नहीं दिए जाने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जीएसटी तीन साल से गहरे संकट में फंसा है। राज्यों को मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार के पास पैसे नहीं हैं। कांग्रेस नेता ने जीएसटी को पूरी तरह से फेल बताया।
इससे पहले राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि ‘न्यूनतम शासन, अधिकतम निजीकरण’ इस सरकार की सोच है। उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ मोदी सरकार की सोच – न्यूनतम शासन, अधिकतम निजीकरण।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ़्तरों को स्थायी ‘स्टाफ़-मुक्त’ बनाना है, युवा का भविष्य चुराना है, ‘मित्रों’ को आगे बढ़ाना है।’’
राहुल गांधी ने जो खबर साझा की है उसके मुताबिक, कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने नयी सरकारी नौकरियों के सृजन पर रोक लगा दी है। हालांकि बाद में सरकार की तरफ से इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया गया था कि नौकरियों पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है।