चुनाव आयोग ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कड़ी फटकार लगाई है। अब तक तीन चरणों के लिए हुए मतदान का डेटा जारी करने को लेकर खड़गे ने आरोप लगाए थे। उनके इसी पत्र को लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि खड़गे के बयान से निष्पक्ष चुनाव में बाधा आती है। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के बीच खड़गे भ्रम फैला रहे हैं और ऐसे बयानों से मतदाताओं की भागीदारी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि जैसे आरोप लगाए गए हैं उससे निष्पक्ष चुनाव कराने में भ्रम पैदा होता है। आयोग ने कहा कि राज्यों में बड़ी चुनावी मशीनरी भी इससे हतोत्साहित हो सकती है।
खड़गे ने इंडिया गठबंधन के नेताओं को लिखा था पत्र
दो दिन पहले ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया गठबंधन के नेताओं को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने मतदान के आंकड़ों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया गठबंधन के नेताओं से अपील की थी कि सभी मिलकर मतदान के आंकड़ों पर सवाल उठाएं, क्योंकि हमारा उद्देश्य संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की रक्षा करना है।
इंडिया गठबंधन के नेताओं को लिखे पत्र में खड़गे ने कहा था यह कोई सामान्य चुनाव नहीं है। उन्होंने कहा था, “हमारे लोकतंत्र और संविधान को बचाए रखने की लड़ाई है। ऐसे में लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज उठाना और चुनाव आयोग को जवाबदेह बनाना हमारा सामूहिक कर्तव्य है ताकि वह निष्पक्ष और स्वतंत्र तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को निभा सके।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 30 अप्रैल को आयोग ने चुनाव के दो चरण के लिए अंतिम आंकड़ा जारी किया। इस संबंध में आयोग से हमारा पहला सवाल है कि मतदान प्रतिशत का आंकड़ा जारी करने में देरी क्यों की? इससे पहले हुए चुनावों में आयोग ने मतदान के 24 घंटों के भीतर मतदान का डेटा जारी किया गया है।
‘मतदान प्रतिशत के नए आंकड़ें में 5 से 6% की बढ़ोतरी’
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि जब कुछ दिन बाद मतदान प्रतिशत के नए आंकड़ें जारी किए गए तो इसमें 5 से 6% की बढ़ोतरी देखी गई। उन्होंने पूछा कि आंकड़े जारी करने में इतनी देरी क्यों हुई? साथ ही खड़गे ने अपने पत्र में लिखा था कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी पिछले कुछ वर्षों में सवाल उठे हैं।
