नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में केरल विशेष सशस्त्र पुलिस बटालियन (एसएपीबी) से 25 इंसास राइफल और 12,061 कारतूस गायब होने पर कांग्रेस विधायक पीटी थॉमस ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट सही है तो इन आरोपों पर सीएम का रुख बहुत संदिग्ध है। उन्हें बताना चाहिए कि सरकार को मामले की जानकारी है या नहीं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर सरकार की जानकारी में रहते ऐसा हुआ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री एक मिनट के लिए भी अपने पद पर बने रहने के हकदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर सीएम मामले से अनभिज्ञ हैं तो केरल के DGP लोकनाथ बेहरा को उनके पद से हटाया जाना चाहिए। इस मामले की जांच CBI जैसी राष्ट्रीय एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि एसएपीबी से हथियार गायब होने की रिपोर्ट पर केरल पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध प्रकोष्ठ) तोमिन थाचंकेरी ने कहा, ‘क्योंकि कैग बहुत ही जिम्मेदार लेखापरीक्षण एजेंसी है और उसके आरोप को काफी गंभीरता से लिए जाने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार मामला दर्ज किया गया है।’ उन्होंने कहा कि मामले में सब कुछ साफ करने की जिम्मेदारी एसएपीबी की है क्योंकि आरोप उसके खिलाफ हैं।
थाचंकेरी ने कहा कि बटालियन से कहा गया था कि वह अपनी सभी राइफलें निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करे। हालंकि उन्होंने कहा कि बल के 13 प्रतिष्ठानों से लाई गईं 647 राइफलों के भौतिक सत्यापन से पता चला कि कोई राइफल गायब नहीं है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘13 स्थलों से कम से कम 647 राइफलें शिविर लाई गईं और इनका भौतिक सत्यापन तथा प्रारंभिक जांच की गई।’ प्रत्येक राइफल के ‘बॉडी नंबर’ का भौतिक सत्यापन और रिकॉर्ड से इसका मिलान किया गया। इसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोई राइफल गायब नहीं है। तेरह राइफल मणिपुर आईआर बटालियन में हैं।
थाचंकेरी ने कहा, ‘हमने वीडियो कॉन्फ्रेंस की और इनके बॉडी नंबर की जांच की गई तथा रिकॉर्ड से मिलान किया गया। पुलिसकर्मी मार्च में जब मणिपुर में प्रशिक्षण से लौटेंगे तो इसकी एक बार फिर जांच की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि हालांकि गायब कारतूसों के बारे में जांच जारी है। कैग ने 12 फरवरी को राज्य विधानसभा में रखी गई रिपोर्ट में यहां एसएपीबी में 5.56 एमएम की 25 इंसास राइफल और 12,061 कारतूस कम पाए थे।
इसमें लग्जरी वाहन खरीदने तथा कोष का अन्य मद में इस्तेमाल कर विला निर्माण करने तथा नियमों के उल्लंघन को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहेरा की आलोचना की गई थी। इन आरोपों पर सीएम का रुख बेहद संदिग्ध है। उसे यह बताना चाहिए कि सरकार को इन घटनाओं की जानकारी है या नहीं। (एजेंसी इनपुट)