दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। यह हार वैसी ही है जैसे 2015 में मिली थी। पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई है। हार पर कांग्रेस खेमे में मंथन चल रहा है। हार पर पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने सवाल खड़े किए हैं। दोनों ने पार्टी नेताओं को आड़े हाथ लिया है। सिंधिया ने पार्टी को रणनीति बदलने तो हुड्डा ने कांग्रेस प्रभारी रहे पीसी चाको पर निशाना साधा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा है कि हार बेहद ही निराशजनक है। कांग्रेस को एक नई रणनीति के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। देश में बदलाव आया है और अब हमें बदले हुए देश के हिसाब से खुद को ढालना होगा। वहीं हुड्डा ने कहा कि ये चिंता की बात है, हार पर आत्ममंथन होना चाहिए और नीति बनानी चाहिए। गहनता से चिंतन होना चाहिए। लोग भाजपा को हराना चाहते थे तभी एक जगह हो गए लेकिन देश को कांग्रेस की जरुरत है।
वहीं शर्मनाक हार और बिहार तथा उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में पार्टी की खराब हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी को ‘सख्ती से’ अपना पुनरावलोकन करना चाहिए। रमेश ने कहा कि, ‘कांग्रेस नेताओं को अपना पुनरावलोकन करना होगा।’
उन्होंने आगे कहा ‘कांग्रेस को यदि प्रासंगिक होना है तो उसे स्वयं का पुनरावलोकन करना होगा। अन्यथा, हम अप्रासंगिकता की ओर बढ़ रहे हैं। हमें अहंकार छोड़ना होगा, छह साल से सत्ता से दूर होने के बावजूद हममें से कई लोग कई बार ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे वे अब भी मंत्री हैं। पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं को प्रोत्साहन देना होगा और आगे बढ़ाना होगा।’