पेगासस जासूसी मामला मोदी सरकार का पीछा छोड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। अब संसदीय समिति ने अधिकारियों से इस मामले पर सवाल जवाब किया है। हालांकि अधिकारियों की ओर से इस जासूसी कांड पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से सोमवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व वाले संसदीय पैनल की तरफ से पेगासस और पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल हैकिंग को लेकर पूछताछ की गई। इस दौरान डिजिटल स्पेस में महिला सुरक्षा पर विशेष जोर देने सहित नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक, ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के विषय पर भी सवाल-जवाब हुआ।
हालांकि अधिकारियों की तरफ से पेगासस और पीएम के ट्विटर अकाउंट के हैक होने से संबंधित सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए गए। सूत्रों के अनुसार पेगासस के मुद्दे पर अधिकारियों ने कहा कि यह मामला विचाराधीन है। जब थरूर की ओर से ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास पेगासस पर कहने के लिए कुछ नहीं है।
पैनल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी के ट्विटर हैंडल को हैक करने के बारे में भी अधिकारियों से पूछताछ की। यहां भी अधिकारी पेगासस की तरह की जवाब से बचते दिखे। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इसके बारे में पता नहीं है।
बता दें कि पीएम मोदी का ट्विटर अकाउंट कुछ दिन पहले ही हैक किया गया था। उनके अकाउंट से बिटक्वाइन को कानूनी बनने को लेकर ट्वीट भी किया गया था। हालांकि कुछ देर बाद ही इसे वापस रिकवर कर लिया गया था। यह दूसरी बार था जब पीएम मोदी का अकाउंट हैक किया गया था।
वहीं पेगासस स्पाईवेयर को इजराइल की एक साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने बनाया है। कुछ महीने पहले ये रिपोर्ट आई थी कि पेगासस के जरिए भारत के कई बड़े विपक्षी नेताओं, अधिकारियों, बिजनसमैन और पत्रकारों पर नजर रखी जा रही थी। इसे लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है।