कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता व तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अफवाहों को नकार दिया है। पूर्व विदेश राज्‍य मंत्री ने ट्विटर पर साफ किया कि वह भगवा संगठन का हिस्‍सा बनने नहीं जा रहे। थरूर ने अपने ट्वीट में कहा, ”समय-समय पर मेरे भाजपा ज्‍वाइन करने की अफवाहें उड़ती रहती हैं जिनका कोई आधार नहीं होता। मैं उन्‍हें स्‍पष्‍ट तौर पर खारिज करता हूं। पिछले 40 से भी ज्‍यादा सालों से मैंने बहुलवादी भारत के समर्थन में लिखा और बोला है, सभी नागरिकों और समुदायों के लिए समान अधिकारों की आवाज उठाई है, इसपर कोई समझौता नहीं होगा। चूंकि कई लोग मुझसे पूछ रहे हैं, इसलिए एक बार फिर से दोहरा दूं कि मेरी प्रतिबद्धता अडिग है और वह भाजपा से नहीं मिलती।” थरूर विदेश मामलों पर संसदी की स्‍टैंडिंग कमेटी के प्रमुख हैं। उनके वरिष्‍ठ सहयोगी व दशकों तक कांग्रेस में रहे वरिष्‍ठ नेता एसएम कृष्‍णा ने बीजेपी का दामन थाम लिया था।

कुछ दिन पहले थरूर को 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रधानमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनाने को लेकर ऑनलाइन याचिका दायर की गई थी। इस याचिका को व्‍यापक जनसमर्थन मिला था, हालांकि थरूर ने फेसबुक पर पोस्‍ट लिखकर याचिका को वापस लेने की अपील की थी। उन्‍होंने कहा था, ”मैं सिर्फ कांग्रेस पार्टी का एक सांसद हूं। पार्टी में एक नेतृत्‍व है और जब परिवर्तन होता है तो एक तरीके से होता है। जिन्‍होंने मुझपर भरोसा जताया है, मैं उन्‍हें विश्‍वास दिलाता हूं कि मैं बेहतर भारत के लिए काम करता रहूंगा। मैं संसद में, तिरुवनंतपुरम में, पूरी क्षमता से काम करता रहूंगा। मुझे पार्टी प्‍लेटफॉर्म पर राष्‍ट्रीय व अंतर्राष्‍ट्रीय मंच पर जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, मैं उसका निर्वहन करूंगा।”

थरूर अपनी वाकपटुता और खुले विचारों के लिए जाने जाते हैं। सालों तक संयुक्‍त राष्‍ट्र में काम करने की वजह से उन्‍हें अंतर्राष्‍ट्रीय विषयों का विशेषज्ञ माना जाता है। पिछले महीने ब्रिटेन के एक टीवी चैनल से बातचीत में थरूर ने ब्रिटिश बुद्धिजीवियों से कई ज्‍वलंत सवाल किए थे, उनकी बातचीत का यह वीडियो बेहद मशहूर हुआ था।

शशि थरुर इससे पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक विस्तृत व्याख्यान दे चुके हैं कि आखिर क्यों नहीं भारत की आर्थिक बर्बादी के लिए अंग्रेजों को क्षतिपूर्ति देनी चाहिए।