बीजेपी की कद्दावर नेता और देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। चुनाव के मौसम में उनके प्रशंसक बीजेपी से ज्यादा विपक्षी दलों में दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस के पी.चिदंबरम और शशि थरूर के बाद दिग्विजय सिंह ने उनकी जमकर तारीफ की है। न्यूज10 इंडिया (न्यूज़ चैनल) को दिए इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने स्वराज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर बताया। उन्होंने कहा, ” सुषमा जी मेरी नज़र में बेहद सम्मानजनक हैं। अगर नरेंद्र मोदी की जगह सुषमा जी प्रधानमंत्री बनतीं तो वह उनसे काफी बेहतर प्रधानमंत्री साबित होतीं।”
सुषमा स्वराज उस वक्त चर्चा में आ गईं जब उन्होंने 2019 में चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से वह 2019 लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। लेकिन आखिरी फैसला पार्टी को करना है। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में खलबली मच गयी। बीजेपी के नेता जहां खामोश दिखाई दिए, वहीं कांग्रेस की तरफ से उनकी शान में नेता बयान देने लगे। शशि थरूर ने सुषमा स्वराज के बयान पर ट्वीट कर लिखा, “तमाम राजनीतिक मतभेदों के बावजूद मैं दुखी हूं कि सुषमा स्वराज राजनीति छोड़ रही हैं। विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष के नाते मुझे हमेशा उनका सहयोग मिलता रहा।” उनके ट्वीट पर सुषमा स्वराज ने धन्यवाद कहकर जवाब दिया, ” धन्यवाद शशि। मैं उम्मीद करती हूं कि हम दोनों सम्मानित पदों पर काम करते रहें।”
Thanks for your kind words, Shashi. I wish we both continue in our respective positions. https://t.co/k76S6lzXyc
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) November 20, 2018
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदरम ने भी सुषमा स्वराज मोदी की तुलना में बेहतर नेता बताया था। इंडियन एक्सप्रेस में लिखे एक लेख के जरिए चिदंबरम ने स्वराज की खूब तारीफ की थी। 2019-14 के बीच बतौर नेता प्रतिपक्ष उनकी भूमिका को सराहा था। उन्होंने लिखा था कि 2014 में सुषमा स्वराज बीजेपी की तरफ से पीएम पद की प्रबल दावेदार थीं। लेकिन, भावनाओं के ज्वार पर सवार मोदी ने उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया।
राजनीति से संन्यास लेने की अटकलों पर हालांकि केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए बताया है कि वह राजनीति से रिटायर नहीं हो रहीं हैं, बल्कि स्वास्थ्य कारणों से सिर्फ चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि वह सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनी रहेंगी।