असम विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में सभी 47 सीटों पर जीत का दावा करने वाले भाजपा के विज्ञापन को छापने पर चुनाव आयोग ने असम के आठ अख़बारों को नोटिस जारी किया है। हालांकि इस मामले में भाजपा को चुनाव आयोग की तरफ से कोई नोटिस नहीं जारी किया गया है। इस मसले पर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कहा है कि चुनाव आयोग(ECI) ने सत्तारूढ़ दल के खिलाफ कार्रवाई वाली धारा को भुला दिया है।
दरअसल भाजपा ने रविवार को असम के आठ समाचार पत्रों में यह विज्ञापन दिया था कि वह 27 मार्च को हुए प्रथम चरण के चुनाव में सभी सीट जीत रही है। जिसके बाद असम कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, असम भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास के साथ सभी आठ अख़बारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया था। असम कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा कि यह विज्ञापन वोटरों को प्रभावित और भटकाने के उद्देश्य से दिया गया है।
श्री सुनील अरोड़ा साहेब,
जवाब तलबी और कठोर कार्रवाई तो झूठे दावे छपवाने वाले विज्ञापनदाताओं यानि असम व शीर्ष भाजपा नेताओं पर भी होनी चाहिए ?
सोचा, याद दिला दूँ ! शायद सत्तारूढ़ दल के ख़िलाफ़ कार्रवाई वाली धाराओं को #ECI ने भुला दिया है !https://t.co/47zDM9pY7L
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 30, 2021
शिकायत दर्ज होने के बाद असम के उन सभी आठ अख़बारों को नोटिस जारी किया गया। हालांकि विज्ञापन देने वाली भाजपा को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। भाजपा को नोटिस नहीं जारी किए जाने पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जवाब तलबी और कठोर कार्रवाई तो झूठे दावे छपवाने वाले विज्ञापनदाताओं यानि असम व शीर्ष भाजपा नेताओं पर भी होनी चाहिए ? आगे सुरजेवाला ने तंज कसते हुए हुआ कि सोचा, याद दिला दूं ! शायद सत्तारूढ़ दल के खिलाफ कार्रवाई वाली धाराओं को ECI ने भुला दिया है !
हालांकि चुनाव आयोग के द्वारा नोटिस जारी किए जाने पर सभी समाचारपत्रों ने अपने जवाब सौंप दिए हैं। भाजपा के 47 सीट जीतने वाले विज्ञापन पर असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि इन विज्ञापनों के सहारे भाजपा सरकार अपने खामियों को छुपाना चाहती है। साथ ही रिपुन बोरा ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी यह दावा कर रही है कि वह ऊपरी असम की सभी सीटें जीत रही है तो फिर उन्हें विज्ञापन के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने की क्या जरुरत है।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी असम के मुद्दे पर एकबार फिर से केंद्र सरकार को घेरा है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि चाय बागान मजदूरों समेत करोड़ों दिहाड़ी मजदूरों के आंसू पोंछने के लिए केंद्र सरकार ने क्या किया? जुमलों और प्रगति का आपस में कोई संबंध नहीं है- जनता ये समझ गयी है। बता दें कि असम में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। 27 मार्च को प्रथम चरण में 47 सीटों के लिए मतदान हो चुका है। अब 1 अप्रैल को 39 सीटों के लिए और 6 अप्रैल को 40 सीटों के लिए मतदान कराए जाएंगे।