श्रीलंका की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है और यह देश दिवालिया घोषित हो चुका है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी मुल्क में हालात इतने बुरे हो चुके हैं, कि महंगाई से परेशान जनता सड़कों पर उतर आई है और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। वहीं, राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपना आवास छोड़कर भाग गए हैं। श्रीलंका के ऊपर कई देशों के अलावा आईएमएफ का भी कर्ज है। श्रीलंका के इस कर्ज का जिक्र करती एक मीडिया रिपोर्ट को शेयर कर अब कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, “साल 2014, देश पर क़र्ज़= ₹56.51 लाख करोड़, साल 2022, देश पर क़र्ज़= ₹139 लाख करोड़। सोचिये, समझिये, जानिये, सवाल पूछिये, नहीं तो श्रीलंका जैसे हालात हो जाएंगे।” कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा शेयर की गई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में श्रीलंका में कर्ज जीडीपी का 119 फीसदी हो गया था। जबकि 2019 में यह 94 फीसदी था।
वहीं, इसमें आगे कहा है कि यह भारत के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि पिछले 8 सालों में केंद्र सरकार की देनदारियों में ढाई गुना इजाफा हुआ है जबकि कई राज्यों की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि आईएमएफ के डेटा के मुताबिक, भारत में कर्ज जीडीपी का 90.6 फीसदी तक पहुंच गया है। इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए कांग्रेस नेता ने सरकार पर निशाना साधा है।
वहीं, कांग्रेस नेता के ट्वीट पर सीतामढ़ी के बथनाहा के विधायक अनिल कुमार ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, “बड़ी ही चालाकी से राज्यों का ऋण केंद्र के माथे मढ़ रहे है आप। जनता को पूरी जानकारी दीजिए की यह केंद्र व राज्य दोनो के संयुक्त ऋण है, जिसमें विपक्ष शासित राज्यों का योगदान सबसे ज़्यादा है। भाजपा ने देश को आपके दिए आर्थिक संकट से उबारा है।” इसी तरह भाजपा नेता हरिओम पांडेय ने कहा कि मोदी सरकार में देश की वित्तीय हालत अब तक की सबसे बेहतर स्तिथि में है।