कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले तुगलकी फरमान जारी कर लॉकडाउन लगा दिया और अब मनरेगा के जरिए रोजगार पा रहे मजदूरों को बैंक से पैसा निकालना भी मुश्किल कर दिया। केरल के वायनाड से सांसद राहुल ने एक खबर का हवाला देकर ट्वीट किया- पहले किया तुगलकी लॉकडाउन, करोड़ों मजदूरों को सड़क पर ले आए। फिर उनके एकमात्र सहारे मनरेगा की कमाई को बैंक से निकालना दूभर किया। सिर्फ बातों की है मोदी सरकार, कुचल रही गरीबों के अधिकार।
ट्वीट में राहुल गांधी ने जनसत्ता ऑनलाइन की एक खबर शेयर की है। इसके मुताबिक मनरेगा मजदूरों को अपनी ही दिहाड़ी निकालने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। LibTech India के एक सर्वे में ये जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक मनरेगा के तहत महज 202 रुपए की दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों को ये पैसे निकालने के भी संघर्ष करना पड़ता है।
पहले किया तुग़लकी लॉकडाउन, करोड़ों मज़दूरों को सड़क पर ले आए।
फिर उनके एकमात्र सहारे मनरेगा की कमाई को बैंक से निकालना दूभर किया।
सिर्फ़ बातों की है मोदी सरकार,
कुचल रही ग़रीबों के अधिकार। pic.twitter.com/k24zxYQDyp— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 20, 2020
सर्वे के मुताबिक 45 फीसदी मनरेगा मजदूर ऐसे हैं, जिन्हें अपनी दिहाड़ी की रकम निकालने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इनमें से 40 फीसदी मजदूर ऐसे हैं, जिन्हें बायोमीट्रिक डिटेल्स मैच ना करने के चलते कई बार बैंक या फिर डाकघर से खाली हाथ वापस लौटना पड़ा है। ऐसा उनके साथ 5 ट्रांजेक्शंस में से कम से कम एक बार हुआ है। यही नहीं इसके चक्कर में बेहद मामूली कमाई कर पाने वाले मजदूरों को अपनी जेब से पैसे भी गंवाने पड़ते हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष इससे पहले दावा कि किया कि देश के बैंक और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मुसीबत में है तथा इस स्थिति में जनता का मनोबल टूट रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘बैंक मुसीबत में हैं और जीडीपी भी। महंगाई इतनी ज्यादा कभी नहीं थी, ना ही बेरोजगारी। जनता का मनोबल टूट रहा है और सामाजिक न्याय प्रतिदिन कुचला जा रहा है।’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि ‘यह विकास है या विनाश?’