केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के अर्थव्यवस्था पर बॉलीवुड फिल्मों के तर्क पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए प्रसाद के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि देश में लाखों लोग नौकरी खो रहे हैं इसलिए भाजपा नेता हकीकत से मुंह ना चुराएं। दरअसल रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को बॉलीवुड की सफलता का उदाहरण देते हुए अर्थव्यवस्था में सुस्ती को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘दो अक्टूबर को तीन फिल्मों ने 120 करोड़ की कमाई की। यह अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेत देती है।’
प्रसाद को इसी बयान को निशाने पर लेते हुए प्रियंका ने रविवार को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘ये दुख की बात है कि जब देश में लाखों लोग नौकरियां खो रहे हैं, उनके पैसे पर बैंक कुंडली मारकर बैठे हैं, सरकार को जनता के दुख की फिक्र नहीं है। उन्हें फिल्मों के मुनाफे की परवाह है। मंत्री जी फिल्मी दुनिया से बाहर निकलिए। हकीकत से मुंह मत चुराइए।’ उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
ये दुख की बात है कि जब देश में लाखों लोग नौकरियां खो रहे हैं, उनके पैसे पर बैंक कुंडली मारकर बैठे हैं, सरकार को जनता के दुख की फिक्र नहीं है। उन्हें फिल्मों के मुनाफे की परवाह है। मंत्री जी फिल्मी दुनिया से बाहर निकलिये। हकीकत से मुंह मत चुराइये। https://t.co/M7f2JE8P6Y
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 13, 2019
उल्लेखनीय है कि अपने बयान पर विवाद होने की बाद केंद्रीय कानून मंत्री ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वो पूर्व में दिया अपना बयान वापस ले रहे हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मीडिया से बातचीत का मेरा पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद है। फिर भी मुझे यह जानकर खेद है कि मेरे बयान के एक हिस्सा को गलत तरीके से लिया गया। एक संवेदनशील नागरिक होने के नाते मैं अपना बयान वापस लेता हूं।’
जानना चाहिए कि शनिवार को मंदी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि वह रिपोर्ट (बेरोजगारी पर एनएसएसओ रिपोर्ट) झूठी है। इसमें कहा गया था कि साल 2017 में बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा रही। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी कुछ दिन पहले कहा कि भारत और ब्राजील में आर्थिक सुस्ती इस साल कुछ ज्यादा साफ दिखती है। प्रसाद ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से सरकार के खिलाफ लोगों को बेरोजगारी की स्थिति के बारे में गुमराह कर रहे हैं।
