कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर को इस बार पाकिस्तान हाई कमिश्नर की ओर से 25 जून को आयोजित इफ्तार पार्टी का न्योता नहीं दिया गया है। अय्यर हर बार पाकिस्तान हाई कमिशन की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होते रहे हैं। अय्यर के पाकिस्तानियों के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। लाहौर में पैदा हुए पूर्व राजनयिक और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विश्वासपात्र अय्यर हमेशा से भारत और पाकिस्तान के बीच मजबूत संबंधों के पक्षधर रहे हैं। अय्यर ने मांग की थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच बिना किसी रुकावट के बातचीत जारी रहनी चाहिए।
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न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अय्यर न्योता नहीं मिलने पर थोड़ा उदास जरूर दिखे लेकिन उनका मुख्य फोकस हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तानी हाई कमिशन के न्योते पर रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को अब हुर्रियत से दूरी खत्म कर देनी चाहिए। साथ ही कहा कि घाटी में शांति के लिए हुर्रियत से बातचीत जरूरी है।
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अय्यर अक्सर पाकिस्तान जाते रहते हैं। वे पाकिस्तान में एक टॉक शो में पाकिस्तान सिविल सोसाइट से मोदी सरकार को हटाने की अपील करते हुए दिखे थे। इसके बाद इनकी कड़ी आलोचना हुई थी।
पाकिस्तान हाई कमिशन ने जम्मू-कश्मीर के कई अलगाववादी नेताओं को इफ्तार पार्टी में आमंत्रित किया है। इनमें सयैद अली शाह गिलानी, मिरवाज उमर फारूक शामिल हैं।