कांग्रेस नेता जेआर शाह की लिखी किताब ‘फेकूजी हवे दिल्‍ली मा’ पर विवाद हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी पर आधारित इस किताब पर बैन लगवाने के लिए उनके समर्थकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मोदी समर्थकों का आरोप था कि किताब का शीर्षक और कंटेंट, दोनों ही आपत्‍त‍िजनक है। हालांकि, गुजरात के कोर्ट ने बैन लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह लेखक के निजी विचार हैं और अगर किताब की बिक्री पर रोक लगाई जाती है तो यह अभिव्‍यक्‍त‍ि की स्‍वतंत्रता का उल्‍लंघन होगा।

‘फेकूजी हवे दिल्‍ली मा’ के लेखकर शाह ने बताया कि यह किताब पीएम नरेंद्र मोदी की वादाखिलाफी पर आधारित है। शाह के मुताबिक, मोदी ने 2014 के आम चुनाव के दौरान जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए गए। इस किताब में मोदी और अन्‍य बीजेपी नेताओं के किए हर वादे के बारे में विस्‍तार से बताया गया है, जो आज तक पूरे नहीं हुए। किताब इस बात पर आधारित है कि मोदी और बीजेपी ने चुनाव से पहले कश्‍मीर, इंश्‍योरेंस बिल, आधार कार्ड, पाकिस्‍तान, ब्‍लैकमनी जैसे मुद्दों पर बीते दो साल में क्‍या कहा और और उन्‍होंने अब तक उन्‍होंने क्‍या किया है।

शाह का यह भी आरोप है कि मोदी ने पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर उस पर काम शुरू कर दिया। शाह के मुताबिक, वे इस किताब का दूसरा भाग भी लिख रहे हैं। वे लोगों के बीच जागरूकता लाना चाहते थे, इसलिए उन्‍होंने इस किताब को लाने का फैसला किया। शाह ने बताया कि फिलहाल यह किताब गुजरात में उपलब्‍ध है। उन्‍होंने अनुवाद की इजाजत दे दी है। जल्‍द ही वे हिंदी और अंग्रेजी में भी उपलब्‍ध होंगे। शाह का यह भी दावा है कि किताब उन्‍होंने अपनी पहल पर लिखी है और पार्टी का इससे कोई लेनादेना नहीं है।