Pahalgam Terror Attack: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार से सवाल पूछा है कि पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार कब पकड़े जाएंगे। उन्होंने बुधवार को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि एक महीना होने जा रहा है लेकिन अब तक पहलगाम हमले के आतंकी नहीं पकड़े गए हैं। पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था और इसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।
जयराम रमेश ने बीजेपी सांसद संबित पात्रा के इस बयान पर कि राहुल गांधी पाकिस्तान को ऑक्सीजन दे रहे हैं, इसका भी जवाब दिया। जयराम रमेश ने कहा पाकिस्तान को ऑक्सीजन चीन ने दी है, चीन की मदद के बिना पाकिस्तान युद्ध नहीं लड़ सकता था।
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जिन्ना साहब की तारीफ किसने की?
जयराम रमेश ने कहा, “पाकिस्तान को क्लीन चिट किसने दी, जिन्ना साहब को क्लीन चिट किसने दी…लालकृष्ण आडवाणी ने दी, जिन्ना साहब की तारीफ किसने की जसवंत सिंह ने की…लाहौर बस यात्रा किसने निकाली, अटल बिहारी वाजपेयी ने निकाली। नवाज शरीफ के साथ ब्रेकफास्ट करने कौन गए थे नरेंद्र मोदी गए थे, आम किसने भेजा था, शॉल किसने भेजा था नरेंद्र मोदी ने भेजा था।”
रमेश ने कहा, “हम डोजियर तैयार कर रहे हैं लेकिन आतंकवादी यहां-वहां घूम रहे हैं, आतंकवादी पकड़े नहीं गए हैं, उन्हें गिरफ्तार कीजिए।” उन्होंने जोर देकर पूछा, “आतंकवादी कहां हैं, एक महीना होने वाला है, उनकी जानकारी कहां है। 26/11 के आतंकी हमले के बाद सभी आतंकवादी मारे गए थे और एक गिरफ्तार हुआ था, उससे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति मजबूत हुई थी।”
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जयराम रमेश ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया भर को जानकारी देने के लिए भेजे जा रहे डेलिगेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वार केवल ध्यान भटकाने की कोशिश और पब्लिक रिलेशन की एक एक्सरसाइज है। उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार पहलगाम आतंकी हमले को लेकर संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुला रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं।
दुनिया भर के देशों में जा रहे डेलिगेशन
बताना होगा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत दुनिया भर में पाकिस्तान को बेनकाब करने के काम में जुटा हुआ है। इसके लिए केंद्र सरकार ने सात डेलिगेशन बनाए हैं। इन डेलिगेशन में 59 नेता शामिल हैं। इन डेलिगेशन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी शशि थरूर, रवि शंकर प्रसाद, संजय कुमार झा, बैजयंत पांडा, कनिमोझी करुणानिधि, सुप्रिया सुले और श्रीकांत एकनाथ शिंदे को दी गई है।
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