कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर नरम रुख अपनाते हुए आज कहा कि सरकार यदि इसमें कुछ संशोधन कर दे इसे पारित कराने में मदद की जाएगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी के खिलाफ कभी नहीं थी। कांग्रेस सरकार ने मार्च 2011 में ही संसद में विधेयक पेश किया था लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता यशवन्त सिन्हा की अगुवाई वाली संसद की स्थायी समिति ने रिपोर्ट देने में ढाई साल लगा दिये और यह विधेयक लटक गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके कुछ प्रावधानों में संशोधन चाहती है। संशोधन होते ही इसे पारित करवाने में मदद की जाएगी। जीएसटी के अलावा एक प्रतिशत सरचार्ज वापस लेने, स्थानीय निकायों और पंचायतों को मुआवजा देने और 18 प्रतिशत से अधिक वस्तु एवं सेवा कर नहीं होने का भरोसा दे दिया जाय तो कांग्रेस इसका समर्थन करने को तैयार है।
रमेश ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर अच्छा और साधारण कर है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इसे न/न तो अच्छा रहने दिया है और न साधारण।
कांग्रेस नेता ने संसद के नहीं चलने पर प्रधानमंत्री की आलोचना की और कहा कि उनकी चुप्पी के कारण ही पूरा विवाद खडा हुआ। उन्होंनें कहा कि केन्द्र सरकार जीएसटी को पारित कराने में कांग्रेस का समर्थन लेने को बाध्य है क्योंकि यह संविधान में संशोधन का विधेयक है जिसे राज्य सभा दो तिहाई बहुमत से पास करेगी।
जीएसटी को पारित कराने के लिये संसद के विशेष सत्र बुलाये जाने के वाल पर रमेश ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है तथा संसदीय कार्य मंत्री वैंकेया नायडु ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे से इस बारे में बात की है लेकिन पार्टी विधेयक में चार संशोधन से कम पर राजी नहीं है।