कांग्रेस पार्टी नेतृत्व संकट से जूझ रही है और 5 राज्यों में हार के साथ पार्टी की अंदरूनी कलह भी बाहर आ रही है। हाल ही में कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अब परिवार को पीछे हट जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी से असंतुष्ट नेताओं का ग्रुप G-23 भी लगातार सक्रिय है और बैठकें कर कर रहा है। लेकिन अब खबर आ रही है कि G-23 ग्रुप के अन्दर भी कुछ नेताओं में असंतोष हैं।
G-23 ग्रुप का गठन अगस्त 2020 में हुआ था और यह ऐसे नेताओं का ग्रुप है जो कांग्रेस पार्टी में रहकर ही कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की वकालत करते हैं। इन्हें कांग्रेस पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन हाल ही में गुलाम नबी आजाद के घर पर डिनर पार्टी में G-23 के पुराने नेता नहीं पहुंचे और माना जा रहा है कि यह नेता अब G-23 ग्रुप का हिस्सा नहीं हैं। वीरप्पा मोइली, मिलिंद देवड़ा, रेणुका चौधरी, मुकुल वासनिक, योगानंद शास्त्री, कौल सिंह ठाकुर, अरविंदर सिंह लवली और अजय सिंह वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर डिनर पार्टी में नहीं पहुंचे।
8 नेताओं के आजाद की डिनर पार्टी में ना पहुंचने के कारण माना जा रहा है कि ये नेता अब इस ग्रुप का हिस्सा नहीं है। बता दें कि G-23 ग्रुप में जितिन प्रसाद भी शामिल थे लेकिन अब वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बुधवार रात आजाद के घर डिनर पार्टी हुई थी, जिसमें कांग्रेस के 18 असंतुष्ट नेता पहुंचे थे। करीब 5 घंटे तक इन नेताओं के बीच बैठक चली थी और उसके बाद असंतुष्ट नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा था कि पार्टी समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर चले और 2024 में भाजपा को चुनौती देने के लिए एक मजबूत विकल्प तैयार हो।
बता दें कि इसके बाद गुलाम नबी आजाद से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुलाकात की थी और यह मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली थी। सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, “हमने कभी सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाया ही नहीं है। हमारे कुछ सुझाव थे जो हमने उनसे साझा किए हैं।”
कपिल सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि गांधी परिवार को पीछे हटना चाहिए। सिब्बल ने राहुल गांधी पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने किस हैसियत से चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया था, जबकि वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं है। सिब्बल के बयान पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि जब वह (सिब्बल) यूपीए सरकार में मंत्री थे तब सभी चीजें अच्छी थी , अब सत्ता में नहीं हैं तब उन्हें बुरा लग रहा है।