इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक विवादित बयान दे दिया। सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत-चीन मुद्दे को अमेरिका द्वारा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि चीन को हमारा दुश्मन मानना अनुचित है। सैम पित्रोदा के बयान से बीजेपी भड़क गई। वहीं अब कांग्रेस डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई है। कांग्रेस ने खुद को सैम पित्रोदा के बयान से दूरी बना ली है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सैम पित्रोदा द्वारा कथित तौर पर चीन पर व्यक्त किए गए विचार निश्चित रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचार नहीं हैं।” वहीं मोदी सरकार को घेरते हुए रमेश ने कहा, “चीन हमारी प्राथमिक विदेश नीति, बाहरी सुरक्षा और आर्थिक चुनौती बना हुआ है। कांग्रेस ने चीन के प्रति मोदी सरकार के दृष्टिकोण पर बार-बार सवाल उठाए हैं, जिसमें 19 जून, 2020 को पीएम की सार्वजनिक क्लीन चिट भी शामिल है। चीन पर हमारा सबसे हालिया बयान 28 जनवरी, 2025 को था।”
जानें पित्रोदा ने क्या कहा
बता दें कि समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए सैम पित्रोदा ने कहा, ”मैं चीन से खतरे को नहीं समझता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका को दुश्मन को परिभाषित करने की आदत है। मेरा मानना है कि सभी देशों के लिए सहयोग करने का समय आ गया है, टकराव का नहीं। हमें इस पैटर्न को बदलने की जरूरत है। यह मान लेना कि चीन शत्रु है, उचित नहीं है। अब समय आ गया है कि हम संवाद बढ़ाना सीखें। सहयोग करें और निर्माण करें।”
बीजेपी ने साधा निशाना
सैम पित्रोदा के बयान से बीजेपी भड़क गई। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। सैम पित्रोदा के बयान पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ”सैम पित्रोदा ने खुलेआम कांग्रेस पार्टी के चीन के साथ समझौते का खुलासा किया है। गंभीर बात ये है कि सैम पित्रोदा ने जिस तरह की बात कही है वो भारत की अस्मिता, कूटनीति और संप्रभुता पर बहुत गहरा आघात है।”
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, “राहुल गांधी भी विदेश में इसी तरह के कई बयान दे चुके हैं। कुछ समय पहले अपने विदेश दौरे पर उन्होंने कहा था कि चीन ने बेरोजगारी की समस्या को बहुत अच्छे से सुलझा लिया है। जबकि चीन में बेरोजगारी दर 24 फीसदी है। गलवान में हमारे 20 जवान शहीद हो गए और उसके बाद अगर आपके नेता ऐसी भाषा बोलते हैं, तो यह निंदनीय है।”