प्रीतम पाल सिंह
डिजिटल प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर कुछ दिनों पहले रिलीज हुई वेब सीरीज सैक्रेड गेम्स को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल कांग्रेस का आरोप है कि इस वेब सीरीज में पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेसी नेता राजीव गांधी पर गलत और अपमानजनक आरोप लगाकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। गौरतलब है कि इस संबंध में कांग्रेस की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई है। कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी.हरि शंकर की पीठ ने इस याचिका की सुनवाई से हट गए हैं। अब गुरुवार को एक अन्य बेंच द्वारा इस याचिका पर सुनवाई होगी।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका काउंसल शशांक गर्ग की तरफ से एडवोकेट निखिल भल्ला ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि सैफ अली खान और नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टारर वेब सीरीज में ऐतिहासिक पलों जैसे बोफोर्स केस, शाह बानो केस, बाबरी मस्जिद केस और सांप्रदायिक दंगों को गलत तरीके से दर्शाया गया है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छवि को नुकसान पहुंचा है। याचिका में मांग की गई है कि नेटफ्लिक्स इंटरटेनमेंट, सैक्रेड गेम्स शो के प्रोड्यूसर फैंटम फिल्मस प्रोडक्शन लिमिटेड शो से सभी आपत्तिजनक सीन्स, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके परिवार पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से गलत आरोप लगाए गए हैं, हटाए।
सैक्रेड गेम्स के खिलाफ ना सिर्फ कोर्ट में याचिका दाखिल की गई, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी भी इसके विरोध में आ गई है। पार्टी ने इस याचिका का समर्थन करते हुए इस पूरे मामले को भाजपा द्वारा राजनैतिक फायदा लेने की मंशा से जोड़ दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पूरे मसले पर कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को फ्रीडम ऑफ स्पीच के तहत अपनी बात कहने की आजादी है, लेकिन इसके आधार पर झूठ फैलाना सही नहीं है। मुझे लगता है कि यह सब एक साजिश के तहत किया गया है। हमें यह समझने की जरुरत है कि सारे डायलॉग झूठ के आधार पर लिखे गए हैं, जिन्हें भाजपा ने राजनैतिक फायदा लेने के लिए प्रोजेक्ट किया है।
केन्द्र सरकार ने भी की सैक्रेड गेम्स पर नजरें टेढ़ीः कांग्रेस की आपत्ति के बाद अब खबर है कि केन्द्र सरकार ने भी इस वेब सीरीज की कुछ चीजों पर अपनी नजरें टेढ़ी कर दी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि वेब सीरीज में स्मोकिंग के सीन्स को बिना चेतावनी के दिखाया गया है। बता दें कि फिल्मों और टीवी शोज की तरह ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म अभी तक रेगुलेट नहीं हैं, जिसके लिए अब सरकार इस पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि स्मोकिंग के सीन्स को रेगुलेट करने के लिए सरकार डब्लूएचओ के (WHO FCTC) प्रोविजन का इस्तेमाल कर सकती है, जिसके तहत क्रॉस-बॉर्डर तंबाकू के एडवरटाइजमेंट पर रोक की बात करता है।
