Ghaziabad Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन हुआ है। इस गठबंधन के तहत यूपी में कांग्रेस पार्टी 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राज्य की जिन 17 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें गाजियाबाद लोकसभा सीट शामिल है। गाजियाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी ने डॉली शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।

डॉली शर्मा ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र से डॉली शर्मा की संपत्तियों और क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी भी सामने आई। हिंदी अखबार अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉली शर्मा के खिलाफ गाजियाबाद के लिंक रोड थाने में एक FIR दर्ज है। कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ यह FIR उनकी सास ने दर्ज करवाई है।

रिपोर्ट में डॉली शर्मा के हवाले से बताया गया है कि उनकी सास ने उनपर घर में घुसकर मारपीट का झूठा आरोप लगाया है। डॉली शर्मा ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद कोर्ट ने स्टे ऑर्डर जारी किया।

कितनी संपत्ति की मालकिन हैं डॉली शर्मा

कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा द्वारा इलेक्शन एफिडेविट में दी गई जानकारी के अनुसार, उनके पास 2.14 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है। इसके अलावा उनके पास एक किलो सोना, आधा किलो चांधी, एक BMW कार भी है। डॉली शर्मा के पास गाजियाबाद के वसुंधरा में एक मकान है जबकि दो मकान पंजाब में हैं। बात अगर शिक्षा की करें तो MBA किया हुआ है।

पिछले चुनाव में डॉली शर्मा को मिली थी हार

कांग्रेस पार्टी ने डॉली शर्मा को लोकसभा चुनाव 2019 में भी प्रत्याशी बनाया था। तब वह मुकाबले में तीसरे स्थान पर रही थीं और उनकी जमानत जब्त हो गई थी। साल 2019 लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद में बीजेपी के जनरल वीके सिंह ने प्रचंड जीत हासिल की थी। वीके सिंह को 9,44,503 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे सपा प्रत्याशी सुरेश बंसल (सपा-बसपा गठबंधन) रहे थे। उन्हें 4,43,003 वोट हासिल हुए। तीसरे स्थान पर रही कांग्रेस की डॉली शर्मा को 1,11,944  वोट हासिल हुए थे। उन्हें महज 7.34% वोट हासिल हुए थे।

क्या इस बार डॉली शर्मा चौंका सकती हैं?

गाजियाबाद को बीजेपी का गढ़ माना जाता है लेकिन यहां इस बार हालात बदले-बदले नजर आ रहे हैं। जनरल वीके सिंह के चुनाव लड़ने के इनकार के बाद बीजेपी ने इस सीट पर गाजियाबाद शहर के विधायक अतुल गर्ग को टिकट दिया है। अतुल गर्ग को टिकट दिए जाने से बीजेपी के जनरल समर्थक नाराज बताए जा रहे हैं। इसके अलावा इस बार बसपा गाजियाबाद में पहले की तरह मजबूत मालूम नहीं पड़ती है। ऐसे में कांग्रेस का यह ब्राह्मण कार्ड बीजेपी को चौंका भी सकता है।