चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी के हाथों शिकस्त का सामना करने वाली भाजपा के लिए अब कर्नाटक से बुरी खबर आई है। कर्नाटक में हुए शहरी निकाय चुनावों में भाजपा को जबरदस्त झटका लगा है और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
2023 के विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक के 20 जिलों के 58 शहरी निकाय चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा से बेहतर प्रदर्शन किया। कुल 1184 वार्डों में से 501 वार्ड में कांग्रेस ने जीत हासिल की और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहीं भाजपा को 433 वार्डों और जनता दल (एस) को 45 वार्डों में जीत हासिल हुई। आप और जनता पार्टी ने भी एक- एक सीट जीती। जबकि एआईएमआईएम को दो और एसडीपीआई को छह सीटों पर जीत हासिल हुई।
27 दिसंबर को शहरी निकाय चुनाव के लिए वोट डाले गए थे। कांग्रेस ने 20 शहरी निकायों में बहुमत हासिल किया जबकि भाजपा ने 15 शहरी निकाय जीते। बाकी शहरी निकायों के नतीजे मिले जुले रहे और किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ।
शहरी निकाय चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि अगर पूरे चुनाव परिणाम को एक साथ देखें तो बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि उन्होंने चुनाव में मिली हार के लिए अल्पसंख्यकों की अधिक आबादी वाले क्षेत्रों को जिम्मेदार ठहराया।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हमने पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन किया है, हालांकि हमें इस चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था। लेकिन यदि आप परिणाम देखें तो पता चलेगा कि जिन स्थानों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाता ज्यादा हैं, हमें वहां अच्छे परिणाम नहीं मिले हैं। लेकिन इस बार अपने प्रयासों के कारण गडग और अन्य जगहों पर सफलता मिली है।
मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही पार्टी के प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि हम बांकापुर में कभी नहीं जीते थे, वहां अल्पसंख्यक मतदाता 65 प्रतिशत हैं। इसलिए इस बारे में अधिक कहना मेरे लिए सही नहीं होगा। यही हाल गुट्टाल का है, लेकिन हम वहां भी अपना विकास कार्य जारी रखेंगे। वहीं निकाय चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि हालिया चुनाव परिणामों ने राज्य में कांग्रेस की लहर का संकेत दिया है।
बता दें कि पिछले दिनों हुए चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आप सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस (29.79%), दूसरे नंबर पर भाजपा (29.30%) और तीसरे नंबर पर आप (27.08%) को मिले। लेकिन कुल 35 सीटों में से आप को 14 सीटें मिली, भाजपा को 12 और कांग्रेस को 8 सीटें मिली। वहीं एक सीट शिरोमणि अकाली दल के खाते में भी गई।