राजस्थान प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल कल्याण सिंह से भेंट करके जामडोली स्थित सरकारी विमंदित बाल गृह में संक्रमण से मरे बारह बच्चों की मौत के मामले की न्यायिक जांच करवाने की मांग की।
पायलट ने राज्यपाल से मिलने के बाद कहा कि सरकार विमंदित गृह विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर इस मामले पर परदा डालने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस मामले को हल्के में लिया है, उनको स्वयं विमंदित गृह का जायजा लेने के लिए जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने केवल संबंधित मंत्री को भेजकर ही पूरे मामले की इतिश्री कर ली।
पायलट ने कहा कि मैंने राज्यपाल कल्याण सिंह से भी विमंदित गृह की हकीकत जानने के लिए वहां जाने का अनुरोध किया है, ताकि स्थिति से रूबरू हो सकें। उन्होंने कहा कि विमंदित गृह के बारह बच्चों की संक्रमण से मौत होने के बावजूद मुख्यमंत्री अब तक वहां नहीं गई हैं। मुख्यमंत्री को स्वयं विमंदित गृह जाकर स्थिति का मुआयना करना चाहिए था, लेकिन आज तक उन्होंने न तो बाल गृह का जायजा लिया और न ही अस्पताल में भर्ती बीमार बच्चों की ही कोई सुध ली है। उन्होंने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में इस प्रकरण की न्यायिक जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि न्यायिक जांच से सारे तथ्य सामने आ जाएंगे।
सरकार ने अपनी गलतियों और कमजोरियों पर परदा डालने के लिए अधिकारियों को निलंबित भर कर दिया है, जबकि बच्चों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है। राज्य सरकार इससे बच नहीं सकती।प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री कलेक्टर और एसपी कॉन्फ्रेंस में भी केवल खानापूर्ति ही कर रही हैं। प्रदेश में गाएं भूख के कारण मर रही हैं, पानी का विकट संकट बना हुआ है, इन सबके बावजूद राज्य की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। पायलट के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलने वाले कांगे्रस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व शिक्षा मंत्री बृज सुंदर शर्मा, पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, शहर कांगे्रस अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास समेत कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी शामिल थे।