उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा मामले में दावा किया गया था कि गोवंशीय अवशेष खेतों में मिले थे और पुलिस इस मामले में धीमी गति से कार्रवाई कर रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों, अधिकारियों और ग्रामीणों से बात करने पर गोवंशीय अवशेष मिलने की बात पर विरोधाभाषी दावे सामने आ रहे हैं। जबकि, बजरंग दल के सदस्य योगेश राज, जिनके ऊपर हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है, ने दावा किया था और वे और उनके सहयोगियों ने देखा ‘सात लोग गाय की हत्या कर रहे थे।’ वहीं, जिस व्यक्ति के खेत में अवशेष मिले, उसके पड़ोसी ने कहा कि खेतों में काम करने वालों की नजर पहली बार गोवंशीय अवशेष पर पड़ी थी। इसे ट्रॉली पर ले जाने के बाद हिंसा भड़क गई।
राजकुमार पूर्व प्रधान हैं, जिनके खेत में गोवंशीय अवशेष मिले थे। ये उन 27 लोगों में शामिल हैं, जिनके ऊपर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या से संबंध होने के मामले में एफआईआर किया गया है। ये फिलहाल गायब हैं। प्रेमजीत सिंह भी पूर्व प्रधान हैं। वे कहते हैं, “मेरा खेत राजकुमार के बगल में है। मुझे इस घटना की जानकारी खेतों में काम कर रहे लोगों ने दी थी। मैं घटनास्थल पर गया। शुरूआत में चार-पांच ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू किया। उसके बाद भीड़ बढ़ने लगी।” इस घटना के बाद सियाना के तहसीलदार राज कुमार भास्कर ने प्रशासनिक तौर पर पहली प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैं उस जगह पहुंचा जहां गोवंशीय अवशेष मिलने का दावा किया गया था। ऐसा दिख रहा था कि ये अवशेष कई दिन पुराने हैं। इसे सभी को दिखाया गया।”
कथित तौर पर गौ-हत्या को लेकर बजरंग दल के सदस्य योगेश राज ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिनका घर वहां से 3 किलोमीटर दूर स्थित है। एफआईअार में योगेश ने दावा किया था कि वे और उनके दो सहयोगी खेतों में घूम रहे थे तभी उनलोगों ने देखा कि सात लोग सुबह 9बजे के आसपास एक गोवंश की हत्या कर रहे हैं। वहीं, मंगलवार को योगेश के परिवार ने दावा किया कि योगेश लॉ की परीक्षा देने अपने कॉलेज गए थे और वे घटनास्थल पर दोपहर में गए थे। हालांकि, कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि सोमवार को किसी तरह की परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी।
योगेश ने अपने एफआईअार में कहा है, “जब हमने देखा कि गोवंश की हत्या हो रही है, इसके खिलाफ आवाज उठाई। जब उन्होंने हमें देखा तो वे भाग गए। इससे हमारे हिंदू भावना को ठेस पहुंची है।” दो नाबालिगों सहित 7 लोगों के खिलाफ सियाना पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 295 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने बताया कि सभी नामजद 7 व्यक्ति मुस्लिम समुदाय के हैं।
सियाना थाने के नए एसएचओ किरण पाल सिंह ने कहा, “मंगलवार को पुलिस टीम नयाबांस गांव पहुंची और पाया कि सात नामजदों में से एक 10 साल का बच्चा है। हमें यह जानकारी मिली है कि नामजदों में से कुछ दिल्ली में नौकरी करते हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।” पुलिस यह भी पता करने की कोशिश की रही है कि कहीं सातों नामजदों में से किसी के साथ योगेश की पुरानी दुश्मनी तो नहीं रही है।
इस क्षेत्र के किसानों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया आसपास के गांव के लोगों ने तनाव को और बढ़ा दिया। गोवंशीय अवशेष को ट्रॉली पर लादकर प्रदर्शन करने का फैसला किया। पूर्व प्रधान प्रेमजीत सिंह के अनुसार, ” पुलिस के आश्वासन के बाद गांव के लोग संतुष्ट थे लेकिन योगेश और उनके सहयोगियों ने वापस जाने से इंकार कर दिया। हिंसा से पहले इंस्पेक्टर सुबोध सिंह बातचीत करने आए थे। उन्होंने सबसे पहले गोवंशीय अवशेष को जमीन में दफन करने को कहा अौर एक एफआईआर दर्ज किया। लेकिन भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने इसका विरोध किया। इसके बाद हमने देखा कि कुछ लोग गोवंशीय अवशेष को ट्रॉली में रखकर प्रदर्शन किया।” जांचकर्ताओं ने कहा कि ट्रॉली में पाए गए गोवंशी अवशेषों को फोरेंसिक परीक्षा के लिए भेजा गया है।