भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India – CCI) देश की तमाम मीडिया कंपनियों की रिपोर्ट तैयार करने जा रहा है। इसकी जांच के दायरे में वाल्‍ट डिज्नी की स्‍टार इंडिया और रिलायंस इंडस्‍ट्रीज समेत तमाम कंपनियां आएंगी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी दस्‍तावेज के हवाले से यह जानकारी दी है। सीसीआई जो जांच रिपोर्ट तैयार करेगी, उसका अभी चल रहीं किसी भी जांच से कोई संबंध नहीं है।

बताया जा रहा है कि इसका मकसद यह है कि मीडिया और ब्रॉडकास्‍ट‍िंग सेक्‍टर में प्रतिस्पर्धा संबंधी नियमों का उल्‍लंघन तो नहीं हो रहा है या कंपनियां कुछ ऐसा तो नहीं कर रहीं हैं, जिससे इंडस्‍ट्री में लोगों का भरोसा टूट सकता है।

बता दें कि व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने हाल ही में आयोग से कहा था क‍ि वह अपनी ओर से पहल कर ऐसी क‍िसी भी गड़बड़‍ी का पता लगाए। बता दें क‍ि मीड‍िया सेक्‍टर काफी बड़ा है। इसमें सैकड़ों न्‍यूज चैनल, अखबार और हजारों वेबसाइट्स शाम‍िल हैं। जो विभिन्न भाषाओं में कंटेंट मुहैया कराती हैं। जांच का मकसद यह देखना है क‍ि इनके कामकाज में इस्‍तेमाल क‍िए जाने वाले नए तरीकों और तकनीक से गलत ढंग से होड़ तो नहीं बढ रही। सीसीआई क‍िसी स्‍वतंत्र एजेंसी की सेवा लेकर र‍िपोर्ट बनवा सकती है।

हालांकि इस मुद्दे पर अभी तक सीसीआई की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। इस जांच से मीड‍िया और ब्रॉडकास्‍ट सेक्‍टर के ल‍िए न‍ियम बनाने, मालि‍काना हक के तरीके सुनि‍श्चित करने और दर्शकों/पाठकों व व‍िज्ञापनदाताओं के ह‍ित सुन‍िश्‍च‍ित करने के कदम उठाने में मदद म‍िलेगी। CCI ने हाल ही में ई-कॉमर्स सेक्‍टर के ल‍िए भी ऐसी  ही जांच शुरू की थी। बता दें क‍ि इस सेक्‍टर में Amazon.com और Walmart की Flipkart जैसी ख‍िलाड़ी मौजूद हैं। इन दोनों ने जांच में पूरी भागीदारी करने में द‍िलचस्‍पी नहीं द‍िखाई थी। इन्‍हें डर था क‍ि ऐसा करने से इनके कई राज खुल सकते हैं।

बता दें कि सीसीआई द्वारा की जा रही जांच में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, ऑनलाइन मीडिया, ब्रॉडकास्टिंग कंपनियां, कंटेंट मुहैया कराने वाली कंपनियां आदि सभी आएंगे। साथ ही मीडिया सेक्टर में तकनीक में आए बदलावों के प्रभाव का भी अध्ययन किया जाएगा।