राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि राम मंदिर को लेकर सभी पक्ष कोर्ट के बाहर मामला सुलझा लें तो ठीक रहेगा। चीफ जस्टिस (CJI) ने कहा, “यह धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है इसलिए इसको कोर्ट के बाहर सुलझा लेना चाहिए। कोर्ट ने इसपर सभी पक्षों को आपस में बैठकर बातचीत करने के लिए कहा।” इस फैसले का बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी, यूपी के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि दोनों पक्ष इसका हल निकालें। मुख्यमंत्री बनने के बाद आदित्य नाथ ने जो बयान दिया वो पहले दिए गए बयानों से अलग प्रतीत होता है। प्रचार के दौरान योगी ने कहा था कि राज्य में सरकार बनी तो राम मंदिर बनेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर योगी आदित्य नाथ ने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का हम स्वागत करते हैं। यह अच्छा होगा कि दोनों पक्ष बैठकर इसका हल निकाल लें।” योगी ने कहा कि यूपी सरकार इस मामले में हरसंभव मदद के लिए तैयार है।

वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करते हुए योगी आदित्य नाथ राम मंदिर निर्माण की बात कही थी। बलरामपुर में 25 फरवरी को आयोजित रैली में सांप्रदायिक कार्ड खेलते हुए आदित्य नाथ ने कहा था कि राज्य में बीजेपी की सरकार आई तो राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ होगा। विवादित बयान देते हुए योगी ने कहा, “अगर समाजवादी पार्टी जीतेगी तो कर्बला-कब्रिस्तान बनेंगे, जबकि भाजपा की सरकार बनेगी तो अयोध्या में राम मंदिर बनेगा।” इससे पहले योगी आदित्य नाथ ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाएंगे और तारीख भी बताएंगे।

गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कई बार राम मंदिर निर्माण की बात दोहराई। फैजाबाद में आयोजित रैली में योगी ने कहा था कि अगर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो वे लोग राम मंदिर बनाने में अवरोध पैदा करेंगे, लेकिन अगर भाजपा की सरकार बनती है तो राम मंदिर बनेगा। यही नहीं बीजेपी ने अपनी चुनावी घोषणा पत्र में भी राम मंदिर का मुद्दा शामिल किया था।