शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को उस समय अजीबोगरीब स्थित का सामना करना पड़ा जब एक टीवी शो के प्रोग्राम लपेटे में नेताजी में उनसे दो अलग-अलग नेताओं पर टिप्पणी करने को कहा गया। हालांकि, कई बार वह गोलमोल जवाब देकर वह बच निकलीं, लेकिन जब उनसे राहुल गांधी और आदित्य ठाकरे में से किसी एक को बेहतर बताने को कहा गया तो उनका जवाब था आदित्य बेहतर हैं।
ध्यान रहे कि प्रियंका कभी कांग्रेस प्रवक्ता रहीं थीं, अब वह शिवसेना से सांसद हैं। उन्होंने कहा कि वह दोनों के साथ काम कर चुकी हैं, लेकिन आदित्य राहुल से ज्यादा बेहतर हैं। उद्धव सरकार बनने के बाद आदित्य पर बीजेपी ने अटैक किया। सुशांत मामले में उन पर मनगढ़ंत इल्जाम लगाए गए। कई बार उन्हें लेकर टीवी पर डिबेट हुईं। अलबत्ता, आदित्य ने उस सबसे ऊपर उठकर काम करना जारी रखा। उनका टीम वर्क वाकई बेहतरीन है। प्रियंका का कहना था कि वह आदित्य को बोहतर मानती हैं।
#लपेटे_में_नेताजी
देखिये शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी की नज़र में कौन है बेहतर?@KishoreAjwani @priyankac19 pic.twitter.com/1y4EMkjXGD— News18 India (@News18India) February 13, 2021
उनसे पहला सवाल बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ को लेकर किया गया। उन्होंने कहा कि संबित के लिए अपनी पार्टी और टीआरपी महत्व रखती है जबकि गौरव वल्लभ मुद्दों पर ज्यादा जोर देते हैं। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के बीच तुलना पर उन्होंने कहा कि प्रियंका के साथ उन्हें काम करने का ज्यादा मौका नहीं मिला है, लेकिन वह उनकी कद्र करती हैं। वह एक सुलझी हुई नेता हैं।
जब उन्हें कंगना रनौत और तापसी पन्नू में से किसी एक को बेहतर बताने के लिए कहा गया तो उनका हंसते हुए जवाब था कि ये सबको पता है कि मेरी पसंद कहां और क्या है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच तुलना पर उन्होंने कहा कि वह इसका जवाब देने में खुद को सक्षम नहीं पातीं, क्योंकि महाराष्ट्र में साझी सरकार है। इस सवाल को उन्होंने टाल दिया। यानि इसका परिणाम टाई रहा।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के बीच तुलना पर उन्होंने कहा कि दोनों को एक तराजू में तोलना गलत है। दोनों की विचारधारा अलग रही थी। उनका कहना था कि खुद इंदिरा गांधी ने भी कहा था जहां देश का फायदा हो हम वहां जाते हैं। बकौल इंदिरा न तो वह लेफ्ट थीं और न ही राईट।